मुकेश अंबानी के घर के पास विस्फोटक मिलने के केस में सचिन वाजे की गिरफ्तारी महाराष्ट्र पुलिस का अपमान : शिवसेना

शिवसेना ने कहा कि यह हैरान करने वाली बात है कि जब राज्य पुलिस की जांच करने की काबिलियत और बहादुरी को दुनियाभर में सराहा जा रहा है, तो ऐसे में NIA जिलेटिन की 20 छड़ें मिलने के मामले की जांच कर रही है.

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शिवसेना ने कहा, "NIA द्वारा सचिन वाजे को गिरफ्तार किया जाना राज्य पुलिस का अपमान है..."

शिवसेना ने सोमवार को कहा कि उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के बाहर विस्फोटकों से भरी कार पाए जाने के मामले की जांच के सिलसिले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) द्वारा मुंबई पुलिस के अधिकारी सचिन वाजे को गिरफ्तार किया जाना महाराष्ट्र पुलिस का 'अपमान' है.

शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' में कहा गया कि जब महाराष्ट्र पुलिस की जांच करने की काबिलियत और बहादुरी को दुनियाभर में सराहा जा रहा है, तब NIA इस मामले की जांच कर रही है. इसमें कहा गया कि यदि वाजे इस मामले में दोषी हैं, तो मुंबई पुलिस और महाराष्ट्र आतंकवाद रोधी दस्ता (ATS) उनके खिलाफ कार्रवाई करने में सक्षम हैं, लेकिन NIA ऐसा नहीं होने देना चाहता था.

महाराष्ट्र में कांग्रेस और NCP के साथ गठबंधन के रूप में सत्तासीन शिवसेना ने आरोप लगाया कि वाजे ने अन्वय नायक आत्महत्या मामले में जब से पत्रकार अर्णब गोस्वामी को गिरफ्तार किया था, वह तभी से 'BJP और केंद्र के निशाने पर' थे. रायगढ़ पुलिस ने 2018 में इंटीरियर डिज़ाइनर अन्वय नायक और उसकी मां की आत्महत्या के संबंध में पिछले साल 4 नवंबर को गोस्वामी और दो अन्य को गिरफ्तार किया था.

NIA ने 25 फरवरी को दक्षिण मुंबई में अंबानी के घर के निकट विस्फोटकों से भरी एक कार पाए जाने की जांच के सिलसिले में वाजे को शनिवार को गिरफ्तार किया था. कार में जिलेटिन की 20 छड़ें मिली थीं. कार के मालिक एवं ठाणे के रहने वाले कारोबारी मनसुख हिरेन की हत्या के मामले में भी वाजे की भूमिका सवालों के घेरे में है. हिरेन 5 मार्च को ठाणे जिले में मृत पाए गए थे. वाजे ने 63 कथित अपराधियों को मुठभेड़ में मारा है.

शिवसेना ने कहा कि यह हैरान करने वाली बात है कि जब राज्य पुलिस की जांच करने की काबिलियत और बहादुरी को दुनियाभर में सराहा जा रहा है, तो ऐसे में NIA जिलेटिन की 20 छड़ें मिलने के मामले की जांच कर रही है. संपादकीय में कहा गया, "NIA द्वारा वाजे को गिरफ्तार किया जाना राज्य पुलिस का अपमान है और ऐसा जानबूझकर किया गया... जो लोग इस बात पर खुशी जता रहे हैं, वे राज्य की स्वायत्तता को नुकसान पहुंचा रहे हैं..."

मुखपत्र में सच के जल्द सामने आने की उम्मीद जताई गई है. संपादकीय में कहा गया है कि राज्य सरकार ने विस्फोटकों से भरा वाहन मिलने और हिरेन की मौत के मामलों की जांच ATS को सौंप दी थी, लेकिन केंद्र सरकार ने विस्फोटकों के मामले की जांच NIA को सौंप दी. शिवसेना ने कहा कि इसके लिए जल्दबाजी की ज़रूरत नहीं थी.

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'सामना' में कहा गया कि यह अब भी 'रहस्य' है कि विस्फोटक पुलवामा (जम्मू एवं कश्मीर) कैसे पहुंचे और उन्होंने (2019 में) 40 जवानों की जान ले ली. मुखपत्र में कहा गया, "कश्मीर घाटी में हर रोज़ विस्फोटक मिल रहे हैं, क्या NIA वहां जाकर भी जांच करती है...?"

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