शेल कंपनियों की मदद से मनी लॉन्ड्रिंग कर रही थीं अर्पिता, ED ने फर्म के खाते से 8 करोड़ किए जब्त

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पश्चिम बंगाल के मंत्री पार्थ चटर्जी की करीबी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी के कम से कम पांच बैंक खातों से लेनदेन पर रोक लगाने की प्रक्रिया शुरू की थी.

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नई दिल्ली:

शिक्षक भर्ती घोटाला के आरोपों में घिरे ममता कैबिनेट के पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी और उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी से पूछताछ के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बड़ी कार्रवाई की है. ईडी ने अर्पिता मुखर्जी की कंपनियों के बैंक खातों से 8 करोड़ रुपये जब्त किए हैं. जांच में पता चला कि अर्पिता मुखर्जी की कंपनियों में भारी मात्रा में धन का शोधन किया गया था. 

शेल कंपनियों के जरिए कंपनियों के पैसे की हेराफेरी की गई. इतना ही नहीं सूत्रों के मुताबिक पूछताछ में अर्पिता ने कुछ लोगों के नाम भी बताए जो उनके बेलघोरिया वाले फ्लैट पर पैसे लेकर आते थे. जानकारी मिलने के बाद शनिवार की रात ईडी की टीम, उस फ्लैट पर पहुंची और सीसीटीवी के फुटेज को खंगाला गया ताकि पता लगाया जा सके कि अर्पिता सच बोल रही हैं या नहीं.

बता दें कि इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पश्चिम बंगाल के मंत्री पार्थ चटर्जी की करीबी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी के कम से कम पांच बैंक खातों से लेनदेन पर रोक लगाने की प्रक्रिया शुरू की थी, जिनमें जांच एजेंसी को कम से कम दो करोड़ रुपये मिले थे. एजेंसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी.

उन्होंने कहा था कि मुखर्जी की कई “फर्जी कंपनियों” के बैंक खाते भी ईडी की जांच के दायरे में हैं. अधिकारी ने बताया, “मुखर्जी के पांच बैंक खातों को फ्रीज करने की प्रक्रिया शुरू हो गयी है. इन खातों में कुल करीब दो करोड़ रुपये मिले हैं. हमें संदेह है कि इन खातों का इस्तेमाल कई लेन-देन करने के लिए किया गया था और आगे की जांच की जा रही है.”

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