चीन ने की सीमा पर यथास्थिति में बदलाव की कोशिशें, तभी बना तनातनी का माहौल: सेना प्रमुख

ndia-China Standoff: नरवणे की टिप्पणी ऐसे समय आई है, जब भारत और चीन के सैनिक पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग सो इलाके में पीछे हटने को राजी हुए हैं. इस क्षेत्र में दोनों देशों के बीच पिछले नौ महीने से गतिरोध बना हुआ है.

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India-China Border Issue: सेना प्रमुख ने नेपाल में जारी राजनीतिक उठापठक के बीच चीन के बढ़ते निवेश का भी उल्लेख किया. (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

थल सेना प्रमुख (Army Chief) जनरल एम एम नरवणे (General M M Narvane) ने कहा कि भारत के पड़ोस में चीन के बढ़ते दखल और सीमाओं पर इसके द्वारा यथास्थिति में एकतरफा बदलाव की कोशिशों के कारण ही 'पारस्परिक अविश्वास एवं तनातनी' का वातावरण बना. शुक्रवार को उन्होंने एक सेमिनार को संबोधित करते हुए कहा कि चीन-अमेरिका के बीच दुश्मनी ने भी क्षेत्रीय असंतुलन और अस्थिरता पैदा की है.

सेना प्रमुख ने चीन द्वारा कमजोर देशों को दबाने और बेल्ट एवं रोड परियोजना जैसी पहल के जरिए क्षेत्रीय निर्भरता बढ़ाने के लिए अभियान चलाने का भी जिक्र किया. नरवणे की टिप्पणी ऐसे समय आई है, जब भारत और चीन के सैनिक पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग सो इलाके में पीछे हटने को राजी हुए हैं. इस क्षेत्र में दोनों देशों के बीच पिछले नौ महीने से गतिरोध बना हुआ है.

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सेना प्रमुख ने कहा, "भारत के पड़ोस में चीन के बढ़ते पदचिह्नों और उसकी विवादित सीमाओं के साथ एकतरफा बदलाव की कोशिशों ने टकराव और आपसी अविश्वास का माहौल पैदा कर दिया है." क्षेत्र में भू-राजनीतिक घटनाक्रम का उल्लेख करते हुए जनरल नरवाने ने नेपाल में राजनीतिक अस्थिरता के दौर में भी चीनी निवेश बढ़ाने की बात कही.

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सेना प्रमुख ने चीन के प्रभाव को संतुलित करने के उपायों के रूप में पूर्वोत्तर क्षेत्र की क्षमता को उजागर करने पर भी जोर दिया.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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