- सुप्रीम कोर्ट ने अरावली हिल्स पर अपनी ही सिफारिशों पर रोक लगाने का दिया आदेश
- कांग्रेस पार्टी ने शीर्ष अदालत के फैसले का किया स्वागत
- अशोक गहलोत ने कहा कि ये पीढ़ियों के भविष्य का सवाल है, सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत
अरावली मामले में अपनी ही सिफारिश पर सुप्रीम कोर्ट की रोक का कांग्रेस ने स्वागत किया है. गौरतलब है कि अरावली मामले का स्वत: संज्ञान लेते हुए शीर्ष अदालत ने अपने ही सिफारिश को रोकते हुए कहा कि रिपोर्ट लागू होने से पहले या इस कोर्ट के फैसले को लागू करने से पहले मार्गदर्शन देने के लिए एक निष्पक्ष स्वतंत्र प्रक्रिया की जरूरत है. शीर्ष अदालत ने इसको लेकर 5 सवाल भी पूछे हैं. उधर, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEFCC) के तहत बनी समिति की सिफारिशों को लेकर अब केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव भी विपक्ष के निशाने पर आ गए हैं.
भूपेंद्र यादव के इस्तीफे की मांग
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यदाव से इस्तीफे की मांग की है. उन्होंने कहा कि अगर उनमें जरा भी सम्मान है तो अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए. उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री अरावली की परिभाषा की वकालत कर रहे थे और हमारी आलोचना कर रहे थे. प्रधानमंत्री को उन्हें इस्तीफा देने के लिए कहना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने अपने पहले की सिफारिश को स्थगित कर अच्छा किया है.
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गहलोत ने फैसले का स्वागत किया
राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को काफी अहम बताया है. उन्होंने कहा कि हम शीर्ष अदालत के फैसले का स्वागत करते हैं. क्योंकि सरकार की सिफारिश के खिलाफ एक बड़ा आंदोलन शुरू हो गया था इसमें युवा, छात्र और आम लोग भी शामिल हो रहे थे. सरकार को ये समझना चाहिए कि लोग क्या चाहते हैं. अगर अरावली रेंज खत्म हो जाएगा तो इस देश का क्या होगा? ये भविष्य की पीढ़ी का सवाल है. दिल्ली आज गैंस चैंबर बन चुकी है. अगर अरावली रेंज खत्म हो जाएगा तो पूरे देश में और कितने गैंस चैंबर बनेंगे.
कांग्रेस बोली- सही फैसला आएगा
राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि ये तो साफ है कि सुप्रीम कोर्ट ने मामले को गंभीरता से लिया. लोगों की आवाज को सुना गया है. उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट जनवरी में आम जनता का ध्यान रखते हुए फैसला देगी.














