वैक्सीन की खुराक के बीच अंतराल बढ़ाने से संक्रमण की चपेट में आने का खतरा बढ़ सकता है: NDTV से बोले US एक्सपर्ट

कोविड एक्‍सपर्ट, डॉक्टर एंथोनी फॉसी ने कहा क‍ि कोविड वैक्‍सीन के बीच अंतराल बढ़ाने से लोगों के वायरस के वेरिएंट की चपेट में आने की आशंका बढ़ सकती है.

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डॉक्टर एंथोनी फॉसी ने कहा, अमेरिका में करीब 64% वयस्‍कों को या तो एक या दोनों डोज लग चुके हैं.

नई दिल्ली:

अमेरिका के कोविड एक्‍सपर्ट और राष्ट्रपति के मेडिकल एडवाइजर डॉक्टर एंथनी फाउची  ने कहा है कि ज्‍यादा लोगों को टीका न लगा हो तो डेल्‍टा वेरिएंट वाले किसी भी देश का चिंतित होना लाजिमी है. उन्‍होंने यह बात NDTV से बातचीत के दौरान कही. उन्‍होंने कहा कि कोविड वैक्‍सीन के बीच अंतराल बढ़ाने से लोगों के वायरस के वेरिएंट की चपेट में आने की आशंका बढ़ सकती है. डॉ. फाउची ने अमेरिका में कोरोना वैक्‍सीन के अंतराल को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में यह बात कही.

गौरतलब है कि Pfizer vaccine के लिए यह अंतराल तीन और Moderna के लिए चार सप्‍ताह है. हालांकि, उन्‍होंने यह भी कहा कि कोरोना वैक्‍सीन के बीच का अंतराल उस स्थिति में अच्‍छा है यदि कोई देश वैक्‍सीन आपूर्ति को लेकर मुश्किल का सामना कर रहा हो. डॉ फाउची अमेरिका के राष्‍ट्रपति जो बाइडेन के मेडिकल सलाहकार भी हैं.

पिछले महीने सरकार ने एस्ट्रेजेनेका की वैक्सीन (भारत में कोविशील्ड के नाम से निर्मित और बेची जाती है) की दो डोज के बीच के अंतराल को 6 से 8 हफ्तों से बढ़ाकर 12 से 16 हफ्ते कर दिया था. यह दूसरी बार है जब कोविशील्ड की खुराक में अंतराल को बढ़ाया गया है. मार्च में राज्यों से बेहतर "नतीजों के लिए" के लिए अंतराल को 28 दिन से बढ़ाकर 6 हफ्ते करने के लिए कहा गया था. 

डॉ. फॉसी से बातचीत की खास अंश.
अमेरिका में कोरोना वायरस की स्थिति पर : कोरोना टीकाकरण को लेकर अमेरिका अच्‍छा कर रहा है. हमारे करीब 64% वयस्‍कों को या तो वैक्‍सीन का एक या दोनों डोज लग चुके हैं.

डेल्‍टा वेरिएंट को लेकर: डेल्‍टा वेरिएंट भारत के कई प्रदेश में पाया गया है. यह काफी तेजी से फैलता है. ऐसे में किसी भी देश का चिंतित होना स्‍वाभाविक है. जिस देश में यह वेरिएंट है, उसे इससे निपटने के लिए खास तैयारी करने की जरूरत है. 

वैक्‍सीनों की प्रभावशीलता पर: अल्‍फा वेरिएंट के खिलाफ वैक्‍सीनों का असर काफी अच्‍छा रहा है. mRNA की 617 अल्‍फा वेरिएंट के खिलाफ काफी ऊंची प्रभावशीलता रही है. 

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भारतीय वैज्ञानिकों से बातचीत पर: भारतीय वैज्ञानिकों ने हमारी अच्‍छी बातचीत हुई है. कोरोना को लेकर हमारी विस्‍तार से चर्चा हुई है. यह बेहद खतरनाक वायरस है और परेशानी खड़ी कर रहा है. भारत ने इसका काप्‍फी सामना किया है, पूरी दुनिया को मिलकर इस वायरस का सामना करना होगा.

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