दिल्ली हाईकोर्ट ने मुंबई के पूर्व पुलिस अधिकारी सचिन वाजे की उस याचिका को शुक्रवार को खारिज कर दिया, जिसमें एंटीलिया बम मामले में गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के प्रावधानों के तहत उन पर मुकदमा चलाने की मंजूरी को रद्द किए जाने का अनुरोध किया गया था. न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता और न्यायमूर्ति अनीश दयाल की पीठ ने कहा कि सुनवाई के अधिकार क्षेत्र में नहीं होने के कारण याचिका को खारिज किया जाता है.
इससे पहले, केंद्र ने इस आधार पर वाजे की याचिका का विरोध किया था कि यह दिल्ली उच्च न्यायालय के समक्ष सुनवाई योग्य नहीं थी और इसे बंबई उच्च न्यायालय में दायर किया जाना चाहिए था, क्योंकि मामले से संबंधित पूरा घटनाक्रम मुंबई में हुआ था.
वाजे ने दिल्ली उच्च न्यायालय से कहा था कि उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर ‘एंटीलिया' के पास विस्फोटक मिलने के मामले में यूएपीए के तहत उन पर मुकदमा चलाने की मंजूरी को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करना उसके अधिकार क्षेत्र में आता है, क्योंकि यह आदेश केंद्रीय गृह मंत्रालय ने दिल्ली में पारित किया था. वकील चैतन्य शर्मा के जरिये दायर याचिका में आतंकवादी गतिविधियों से संबंधित यूएपीए की धारा-15(1) को हटाने का अनुरोध किया गया था. याचिका में दावा किया गया था कि यह संविधान के अनुच्छेद 14 (कानून के समक्ष समानता) और 21 (जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की सुरक्षा) का उल्लंघन है.
याचिका में केंद्र के दो सितंबर 2021 के मंजूरी आदेश को रद्द करने का भी अनुरोध किया गया था. गृह मंत्रालय ने मुंबई में अंबानी के घर के बाहर एक एसयूवी से विस्फोटक मिलने और व्यवसायी हिरेन मनसुख की हत्या के मामले में वाजे के खिलाफ मुकदमा चलाने की पिछले साल सितंबर में मंजूरी दे दी थी. एसयूवी 25 फरवरी 2021 को एंटीलिया के पास मिली थी. मनसुख ने दावा किया था कि वाहन उसके पास से चोरी किया गया था। वह पिछले साल पांच मार्च को ठाणे में एक नाले में मृत मिला था.
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