खट्टर सरकार में गृह और स्वास्थ्य विभाग संभालने वाले अनिल विज हरियाणा के नए मंत्रिमंडल से हुए बाहर

हरियाणा के छह बार विधायक रह चुके अनिल विज भाजपा विधायक दल की उस बैठक से नाराज होकर चले गए थे, जिसमें सैनी को सर्वसम्मति से हरियाणा का मुख्यमंत्री नामित किया गया था.

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चंडीगढ़:

हरियाणा में नायब सिंह सैनी सरकार ने मंगलवार को अपना पहला मंत्रिमंडल विस्तार किया और पार्टी के आठ विधायकों को मंत्री बनाया गया. बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व गृह मंत्री अनिल विज को सैनी के मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली. सैनी और पांच मंत्रियों ने पिछले सप्ताह शपथ ली थी. हरियाणा में मुख्यमंत्री सहित अधिकतम 14 मंत्री ही हो सकते हैं.

मंत्रिमंडल के विस्तार के बारे में पूछे जाने पर पूर्व मंत्री अनिल विज ने कहा कि मुझे कोई जानकारी नहीं है. हालांकि उन्होंने कहा कि वो नाराज नहीं हैं. विज शायद इस बात से नाराज हैं कि जब पार्टी ने मनोहर लाल खट्टर को हटाकर सैनी को मुख्यमंत्री बनाने का फैसला किया, तो इस निर्णय की उन्हें जानकारी नहीं दी गई. उन्होंने कहा कि उन्हें इसके बारे में पिछले हफ्ते यहां भाजपा विधायकों की बैठक में ही पता चला था, जिसमें सैनी के नाम की घोषणा की गई थी.

विज ने कहा, ‘‘ये मेरी जानकारी में नहीं था कि हमारे राज्य के मुख्यमंत्री को बदला जा रहा है. ये मेरे लिए एक चौंकाने वाली बात थी कि मुख्यमंत्री को बदला जा रहा है.''

हरियाणा के छह बार विधायक रह चुके अनिल विज भाजपा विधायक दल की उस बैठक से नाराज होकर चले गए थे, जिसमें सैनी को सर्वसम्मति से हरियाणा का मुख्यमंत्री नामित किया गया था. मनोहर लाल खट्टर नीत सरकार में गृह मंत्री रहे विज का अक्सर मुख्यमंत्री के साथ विवाद होता रहता था. पहले कहा गया था कि वह भाजपा द्वारा ‘अनदेखी' किए जाने से नाराज हैं.

उन्होंने कहा, ‘‘मैंने पहले भी कहा है कि मैं भारतीय जनता पार्टी का एक समर्पित कार्यकर्ता हूं. मैं कभी किसी बात से नाराज नहीं होता. मुझे जो भी कहना है, मैं स्पष्ट रूप से कहता हूं.''

यह पूछे जाने पर कि क्या वह सैनी मंत्रिमंडल में शामिल होने की इच्छा रखते हैं, तो उन्होंने कहा, ‘‘ये एक काल्पनिक सवाल है.''

जब उनसे खट्टर की पहले की उस टिप्पणी के बारे में पूछा गया जिसमें खट्टर ने कहा था कि विज जल्द नाराज हो जाते हैं, लेकिन बाद में ठीक भी हो जाते हैं, तो हरियाणा के पूर्व मंत्री ने कहा ‘‘मुझे नहीं पता कि उन्होंने ऐसा किस आधार पर कहा.''

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मुख्यमंत्री सैनी द्वारा अंबाला कैंट क्षेत्र से होते हुए एक रोड शो निकाले जाने के संबंध में राज्य के पूर्व गृह मंत्री विज ने कहा 'अगर सैनी मेरे आवास पर आते, तो मैं उन्हें चाय की पेशकश करता.' विज अंबाला कैंट विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं.

इससे पहले मुख्यमंत्री सैनी ने पंचकूला में नाडा साहिब गुरुद्वारे में मत्था टेकने के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘विज हमारे सम्मानित नेता हैं और हमें नियमित रूप से उनसे मार्गदर्शन मिलता रहा है.''

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सैनी के शपथ ग्रहण वाले दिन खट्टर से पूछा गया था कि क्या विज का नाम उपमुख्यमंत्री पद की दौड़ में है, तो उन्होंने कहा था, ‘‘मंत्रियों को आज शपथ लेनी थी और उनका (विज का) नाम उस (सूची) में था, लेकिन वह नहीं आ सके.''

यह पूछे जाने पर कि क्या विज असंतुष्ट हैं, तो उन्होंने कहा था, ‘‘अनिल विज हमारे वरिष्ठ सहयोगी हैं. वह कभी-कभी जल्द नाराज हो जाते हैं, लेकिन बाद में सामान्य हो जाते हैं.'' खट्टर ने कहा था कि पहले भी कई बार ऐसा हुआ है कि जब विज किसी बात पर नाराज हो गए, लेकिन बाद में सब सामान्य हो गया.

उन्होंने कहा था, ‘‘मैंने उनसे बातचीत की थी. उन्होंने कहा कि उनका आने (शपथ ग्रहण कार्यक्रम के लिए) का मन नहीं है. हम उनसे बात करेंगे. नायब सैनी जी भी उनसे बात करेंगे.''

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मंगलवार को राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने राजभवन में नए मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई. हिसार से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक कमल गुप्ता ने सबसे पहले कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली. गुप्ता ने संस्कृत में शपथ ली. वह पूर्ववर्ती मनोहर लाल खट्टर मंत्रिमंडल में भी मंत्री थे.

फरीदाबाद के बड़खल से विधायक सीमा त्रिखा, पानीपत ग्रामीण से विधायक महिपाल ढांडा, अंबाला सिटी से विधायक असीम गोयल, महेंद्रगढ़ के नांगल चौधरी क्षेत्र से विधायक अभय सिंह यादव, कुरुक्षेत्र के थानेसर से विधायक सुभाष सुधा, भिवानी के बवानी खेड़ा से विधायक बिशंबर सिंह वाल्मीकि और गुरुग्राम के सोहना से विधायक संजय सिंह ने राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पद की शपथ ली.

शपथ ग्रहण समारोह में पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल भी मौजूद थे. लोकसभा चुनाव से पहले पिछले सप्ताह भाजपा ने बदलाव करते हुए मनोहर लाल खट्टर की जगह अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के नेता सैनी को हरियाणा का मुख्यमंत्री बनाया था.

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पार्टी की राज्य इकाई के अध्यक्ष सैनी ने एक सप्ताह पहले खट्टर के इस्तीफे के कुछ घंटे बाद पांच मंत्रियों के साथ मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. सैनी सरकार ने गत बुधवार को राज्य विधानसभा के विशेष सत्र में विश्वास मत हासिल किया.

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