मैं जनता की नाराजगी झेल सकता हूं, लाशों का ढेर नहीं देख सकता : हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज

अनिल विज ने आगे कहा  कि कोरोना से बचने के दो ही रास्ते हैं. एक तो लॉकडाउन और दूसरा है कोरोना के नियमों का सख्ती से पालन. हमने लॉकडाउन का फैसला नहीं लिया क्योंकि हम मानते हैं कि जिंदगी चलती भी रहे और बचती भी रहे.

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NDTV Solutions Summit में अनिल विज ने कोरोना महामारी से निपटने को लेकर की बात

हरियाणा में भी तेजी से कोरोना बढ़ रहा है. हरियाणा के स्वास्थ्यमंत्री अनिल विज (Anil Vij) ने NDTV Solutions Summit  में कहा कि हमने पहले दौर की तैयारियों को ही एक्टिव कर दिया है. हमारे पास 11 आइसोलेशन बेड्स हैं. एक हजार वेंटिलेटर बेड्स हैं. रेमडेसिविर से लेकर अन्य दवाइयों की भी पूरी व्यवस्था है. हमने समय रहते ही तैयारियां कर ली थी. जो अब स्ट्रेन चल रहा है अब ज्यादा तेजी से फैल रहा है. हमने अपने पिछले अनुभवों से फायदा उठाया है.अगर धर्मशाला और स्कूलों में भी अस्पताल बनाने पड़ते हैं तो वो भी बनाएंगे. दिल्ली से लगे जिलों में ज्यादा केस हैं.

अनिल विज ने आगे कहा  कि कोरोना से बचने के दो ही रास्ते हैं. एक तो लॉकडाउन और दूसरा है कोरोना के नियमों का सख्ती से पालन. हमने लॉकडाउन का फैसला नहीं लिया क्योंकि हम मानते हैं कि जिंदगी चलती भी रहे और बचती भी रहे. हालांकि मैं जानता हूं कि सख्ती करो तो जनता नाराज होती है, लेकिन मैं जनता की नाराजगी झेल सकता हूं लाशों का ढेर नहीं.

वैक्सीनेशन को शुरू हुए तीन महीने हो चुके हैं. क्या सभी हेल्थकेयर वर्करों को वैक्सीन मिल चुकी है? इस सवाल पर अनिल विज ने कहा कि सबने नहीं ली है. इसमें कुछ कमी रही है. इस पर भी काम चल रहा है.

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गुरुग्राम से एक रिपोर्ट आई थी कि लोगों को टेस्ट रिपोर्ट के लंबा इंतजार करना पड़ रहा है? इस पर विज ने कहा कि जब कोरोना शुरू हुआ था तो हरियाणा में एक भी लैब नहीं थी.18 लैब तो सरकारी हैं और 17 प्राइवेट. हमारी रोज 62 हजार लोगों के टेस्ट करने की कैपेसिटी है. मुझे नहीं लगता कि एक दिन से ज्यादा किसी को इंतजार करना पड़ता है.

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