फैक्ट्री, स्कूल और फसलों पर हाथियों का कब्जा, झारखंड में गजराज की तबाही से सहमी जनता

हाथियों का सबसे ज्यादा आतंक इन दिनों पूर्वी सिंहभूम जिले के चाकुलिया में है. चाकुलिया नगर पंचायत के कस्बाई इलाके और आसपास के 50 से ज्यादा गांवों में हाथियों की चहलकदमी की खबर मिलते ही अघोषित कर्फ्यू जैसी स्थिति बन जाती है.

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रांची:

झारखंड में सैकड़ों हाथी सड़कों पर हैं. 15 दिनों में पूर्वी सिंहभूम, लोहरदगा, हजारीबाग, बोकारो, गिरिडीह, लातेहार, रांची सहित कई अन्य जिलों में गुस्साए हाथियों ने खेतों में खड़ी फसलों से लेकर कई मकान, स्कूल भवन, गोदाम और फैक्ट्रियों तक पर हमला बोलकर तबाही मचाई है.

हाथियों का सबसे ज्यादा आतंक इन दिनों पूर्वी सिंहभूम जिले के चाकुलिया में है. चाकुलिया नगर पंचायत के कस्बाई इलाके और आसपास के 50 से ज्यादा गांवों में हाथियों की चहलकदमी की खबर मिलते ही अघोषित कर्फ्यू जैसी स्थिति बन जाती है. लोग जान बचाने के लिए सुरक्षित जगहों पर पनाह लेने लगते हैं. हाथियों के आतंक से त्रस्त लोग अब आंदोलन पर उतारू हैं.

मंगलवार को चाकुलिया नगर पंचायत के नया बाजार स्थित गौशाला में ग्राम पंचायतों के मुखियों (प्रधानों), स्थानीय व्यवसायियों, उद्यमियों और ग्रामीणों की बड़ी बैठक मुखिया संघ के अध्यक्ष राधानाथ मुर्मू की अध्यक्षता में हुई, इसमें इस मुद्दे पर आंदोलन की रणनीति बनी. बैठक के बाद लोगों ने वन विभाग को ज्ञापन सौंपकर हाथियों के आतंक से निजात नहीं दिलाए जाने पर सड़कों पर उतरकर आंदोलन की चेतावनी दी है.

बताया गया कि बीते रविवार की रात हाथियों ने बाजार क्षेत्र में स्थित एफसीआई के गोदाम के नौ शटर तोड़ डाले और गोदाम में रखा कई बोरी अनाज खा गए या रौंदकर बर्बाद कर दिया. एफसीआई गोदाम संचालक सुशील शर्मा ने बताया कि एक महीने में 10 से 12 बार हाथियों ने गोदाम पर हमला कर नुकसान पहुंचाया है. इसी रात हाथियों ने चाकुलिया के लोधाशोली स्थित हाई स्कूल की तीन खिड़कियां तोड़ डालीं और मिड-डे मिल का अनाज खा गए.

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पिछले हफ्ते एक हाथी चाकुलिया नगर पंचायत स्थित महावीर इंडस्ट्रीज नामक चावल मिल की चारदीवारी तोड़कर घुस आया और बड़ी मात्रा में चावल खा गया. सूचना देने के बाद वन विभाग की क्विक रिस्पांस टीम पहुंची और हाथियों को इंडस्ट्री परिसर से बाहर निकाला. महावीर इंडस्ट्रीज के मालिक कमल प्रसाद रूंगटा ने बताया कि नाइट शिफ्ट में कई माह से चावल का उत्पादन बंद कर देना पड़ा है, क्योंकि हाथियों के डर से मजदूर काम पर नहीं आ रहे हैं.

बीते गुरुवार को तीन जंगली हाथी कृष्णा शॉप फैक्टरी में घुस आए और सुबह 6 बजे तक फैक्टरी को अपने कब्जे में रखा. उन्होंने गोदाम का गेट तोड़ डाला और भारी मात्रा में धान को रौंदकर बर्बाद कर दिया. इसके पहले बुधवार को चाकुलिया प्रखंड के मौरबेड़ा गांव में एक हाथी ने एक किसान का केला बागान तहस-नहस कर दिया. एक अन्य ग्रामीण का मकान ध्वस्त कर डाला. लोहरदगा और लातेहार जिले में हाथियों का एक बड़ा झुंड 50 से ज्यादा गांवों में आतंक मचा रहा है. दो दिनों से यह झुंड लोहरदगा से रांची जिले से जोड़ने वाली सड़क के पास विचरण कर रहा है. भंडरा प्रखंड में हाथियों को खदेड़ने के लिए सैकड़ों ग्रामीण पीछे-पीछे भाग रहे हैं.

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हजारीबाग जिले के दारू प्रखंड क्षेत्र में झुंड से बिछड़े एक हाथी ने दस दिनों में 15 घरों में घुसकर तबाही मचाई है. पेटो, बासोबार, पुनाय, बसरिया, दिगवार, उंचाबेड़ा, हरली समेत कई गांव के घरों में घुसकर इस हाथी ने अनाज और संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया है. हाथी के आतंक से गुस्साए लोगों ने पांच जुलाई को हजारीबाग-बगोदर मार्ग को घंटों जाम कर दिया था.

बोकारो जिले के गोमिया प्रखंड में झुमरा पहाड़ की तलहटी में स्थित नावाडीह, अम्बाटांड़ व मझलीटांड़ गांव में हाथी ने पिछले दस दिनों में कई घरों को क्षतिग्रस्त कर दिया है. रांची में दस दिन पहले हाथियों का एक झुंड विधानसभा के पास पहुंचा था. उन्हें बड़ी मशक्कत के बाद भगाया जा सका था.

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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