आंध्रप्रदेश में विक्षिप्त महिला के साथ Gangrape की घटना पर गरमायी राजनीति, TDP और माहिला आयोग आमने-सामने

मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर जारी बयान में कहा गया है कि मुख्यमंत्री ने चिकित्सा और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को उन खामियों की गहन जांच करने का निर्देश दिया है.

विज्ञापन
Read Time: 12 mins
विजयवाड़ा गैंगरेप केस में दो पुलिस अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया है (प्रतीकात्मक तस्वीर)
अमरावती:

आंध्र प्रदेश में सामूहिक बलात्कार के कथित मामले के कारण राज्य में सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस और मुख्य विपक्षी दल तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के बीच शुक्रवार को राजनीतिक विवाद छिड़ गया. इस बीच मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी ने पीड़िता को दस लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की. प्रदेश के पुलिस महानिदेशक के वी राजेंद्रनाथ रेड्डी ने विजयवाड़ा में नुन्ना पुलिस थाने के निरीक्षक और उप-निरीक्षक को निलंबित करने का आदेश दिया. इसी थाना क्षेत्र में पीड़िता का आवास स्थित है.

आंध्र प्रदेश महिला आयोग की अध्यक्ष वासिरेड्डी पद्मा ने विपक्ष के नेता और तेदेपा प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू को उनका अपमान करने के लिए ‘‘नोटिस'' जारी किया. मानसिक रूप से विक्षिप्त बताई जा रही 23 वर्षीय एक महिला को तीन दिन पहले एक व्यक्ति ने कथित तौर पर विजयवाड़ा के सरकारी अस्पताल में बहला-फुसलाकर एक कमरे में बंद कर दिया. पुलिस के अनुसार, उसने और उसके दो दोस्तों ने कथित तौर पर 20 घंटे से अधिक समय तक युवती के साथ बलात्कार किया.

यह घटना तब प्रकाश में आयी जब महिला गुरुवार को अपने घर लौटी. पुलिस ने अपराधियों की पहचान एक निजी फर्म के कर्मचारी के रूप में की है, जिन्हें सरकारी अस्पताल में ‘फॉगिंग' के काम में लगाया गया था. उन्होंने बताया कि उन लोगों को तुरंत ही गिरफ्तार कर लिया गया. उन्होंने बताया कि पीड़िता को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. हालांकि, पीड़िता के लापता होने संबंधी पिता की शिकायत पर कार्रवाई करने में विफल रहने पर पुलिस को चौतरफा आलोचना का सामना करना पड़ा.

इसके बाद, पुलिस महानिदेशक ने नुन्ना पुलिस थाने के एसएचओ और सेक्टर एसआई को ड्यूटी में लापरवाही के लिए निलंबित कर दिया.शुक्रवार को तेदेपा प्रमुख नायडू पीड़िता को सांत्वना देने (पुराने) जीजीएच गए. तब तक महिला आयोग की अध्यक्ष पीड़िता के कमरे के अंदर थी. इस बीच नायडू और पद्मा के बीच विवाद हो गया. तेदेपा सदस्यों के नारेबाजी करने से अस्पताल में हड़कंप मच गया, जिससे आयोग की अध्यक्ष भड़क गई.

उन्होंने तेदेपा नेताओं के साथ बातचीत की और कहा कि यह इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने का स्थान नहीं है. वहीं, शहर के पुलिस आयुक्त टी कांति राणा भी मौके पर पहुंच गये. पीड़िता के परिजनों ने पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करते हुए आरोप लगाया कि उनकी निष्क्रियता ही अपराध का कारण बनी. बाद में दोपहर बाद उपमुख्यमंत्री (गृह) टी वनिता और स्वास्थ्य मंत्री वी रजनी ने भी अस्पताल गई और पीड़िता को सांत्वना दी.

मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर जारी बयान में कहा गया है कि मुख्यमंत्री ने चिकित्सा और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को उन खामियों की गहन जांच करने का निर्देश दिया, जिनके कारण सरकारी अस्पताल परिसर में बलात्कार की यह घटना हुई. स्वास्थ्य अधिकारियों ने घटना के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए फॉगिंग एजेंसी के साथ-साथ निजी सुरक्षा एजेंसी के सेवा अनुबंध को तुरंत समाप्त कर दिया.

Advertisement

बाद में शाम को महिला आयोग की अध्यक्ष ने नायडू और पूर्व विधायक बी उमा को नोटिस जारी कर 27 अप्रैल को आयोग के समक्ष जांच के लिए पेश होने और स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया. पद्मा ने नोटिस में आरोप लगाया, ‘‘आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता होने के नाते आप अपने समर्थकों के साथ मौके पर आए और बेवजह गलत एवं तनावपूर्ण माहौल बनाया है, मरीजों को आतंकित किया गया और अभद्र भाषा का भी इस्तेमाल किया है. आंध्र प्रदेश महिला आयोग की अध्यक्ष का अपमान किया और दुर्व्यवहार किया.''

ये भी पढ़ें-

पश्चिम बंगाल का हंसखली रेप केस : BJP फैक्ट-फाइंडिंग टीम ने बंगाल में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश की

"KTR क्या कर रहे हैं...?" : गैंगरेप मामले में चुप्पी साधने पर TRS से कांग्रेस नेता का सवाल

Video : नाबालिग लड़की को नशीला पदार्थ खिलाकर पड़ोसी ने किया रेप, हुई गर्भवती

Featured Video Of The Day
Tulsi Gabbard ने 370, कश्मीर और हिंदुओं पर कही ये बड़ी बातें | PM Modi | Donald Trump | US Intelligence Chief
Topics mentioned in this article