आंध्र प्रदेश के चित्तूर में मां-बाप द्वारा कथित तौर पर मार डाली गईं दो युवतियों को भी अपने अभिभावकों की तरह मौत के बाद दोबारा जिंदा होने का अंधविश्वास था. यह जानकारी वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बुधवार को दी. चित्तूर के पुलिस अधीक्षक सेंथिल कुमार ने बुधवार को बताया कि पुलिस ने उस दंपत्ति को गिरफ्तार कर लिया है जिसने अपनी ही बेटियों की कथित हत्या इस अंधविश्वास चलते की कि वे बुराइयों से मुक्त होकर दोबारा जिंदा हो जाएंगी.
अधिकारी ने बताया कि गिरफ्तारी मंगलवार को हुई और उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. सेंथिल कुमार ने बताया, ‘‘दंपति, बेटियों की हत्या की वजहों को लेकर स्पष्ट हैं. उनको कुछ मानसिक समस्या हो सकती है लेकिन वे बहुत ही अंधविश्वासी और आध्यात्मिक हैं.''
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अधिकारी ने बताया, ‘‘अभिभावकों का भ्रमित करने वाला विचार है कि उनकी बेटियों पर बुरी आत्माओं का कब्जा था और वे (मरने के बाद) उनसे मुक्त होकर लौटेंगी. हमें बताया गया कि उनकी बेटियों की भी ऐसी ही राय थी.'' कुमार ने कहा कि ऐसा लगता है कि पीड़ितों को डम्बल जैसी चीजों से पीटा गया.
उन्होंने बताया कि माता-पिता ने बेटियों की कथित हत्या की क्योंकि कि उन्हें विश्वास था कि वे दोबारा जिंदा हो जाएंगी और उसके बाद चारों खुशी-खुशी रहेंगे. उन्होंने कहा, ‘‘यह विकृत सोच जैसा मामला है.'' आरोपियों के मानसिक स्वास्थ्य के बारे में पूछने पर कुमार ने कहा कि इस मौके पर वह कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते.
आरोपी मां पद्मजा का जब कल चित्तूर के जेल में कोविड टेस्ट कराया जा रहा था तो उस वक्त उसने कहा, ''मैं शिव हूं, कोरोनावायरस चीन से नहीं, मेरे शरीर से आया.'' मैं बता रही हूं, कोरोनावायरस मार्च तक चला जाएगा. वैक्सीन की जरूरत नहीं.'' जैसे ही उसके पति ने उसके साथ तर्क करने की कोशिश की तो उसने बोला, "अभी, तुम मेरे पति नहीं हो. मैं शिव हूं."
गौरतलब है कि पुलिस ने सोमवार को बताया था कि उच्च शिक्षा प्राप्त दंपति ने कथित तौर पर अपनी दो बेटियों की हत्या इस उम्मीद के साथ कर दी कि वे आध्यात्मिक शक्तियों से दोबारा जिंदा हो जाएंगी क्योंकि कलयुग का अंत होकर सतयुग की शुरुआत होने वाली है. पुलिस सूत्रों ने बताया कि दंपति की भी आत्महत्या करने की योजना थी क्योंकि वे भी साबित करना चाहते थे कि वे जिंदा हो सकते हैं लेकिन समय पर पुलिस के पहुंचने से ऐसा नहीं हो सका.
उल्लेखनीय है कि वी पुरुषोत्तम नायडू विज्ञान में डॉक्टरेट है और मदनपल्ली स्थित महिला महाविद्यालय में एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत है. नायडू की पत्नी पद्मजा परास्नातक और स्वर्ण पदक विजेता है एवं स्थानीय निजी स्कूल में प्रधानाचार्य है.
वहीं, मृत बड़ी बेटी अलख्या (27) भोपाल से परास्नातक कर रही थी जबकि छोटी बेटी साई दिव्या (22) संगीतकार एआर रहमान के संस्थान में शिक्षा प्राप्त कर रही थी.