आंध्र प्रदेश में सियासत गरमाई हुई है. खबर आ रही है कि मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी (YS Jagan Mohan Reddy) अपने मंत्रिमंडल को भंग करने और नए मंत्रियों को लाने के लिए पूरी तरह तैयार हैं. साल 2024 विधानसभा चुनाव से पहले जगन मोहन रेड्डी के इस संकेत से सियासी हलचल बढ़ गई है. एनडीटीवी को सूत्रों ने बताया कि आज दोपहर 3 बजे कैबिनेट की बैठक में बड़े कदम उठाए जाने की संभावना है. साथ ही मंत्रियों को कथित तौर पर अपना त्यागपत्र जमा करने के लिए कहा जाएगा. बताया जा रहा है कि 90 प्रतिशत पुरानी टीम को हटा दिया जाएगा.
बैठक के लिए 20 सूत्री एजेंडा रखा गया है. हालांकि, बड़ा बदलाव ये अप्रत्याशित नहीं है. क्योंकि पहले ही जगन मोहन रेड्डी ने कहा था कि वह अपने कार्यकाल के बीच में पूरी तरह से नई टीम के लिए जाएंगे. यह दिसंबर 2021 में होना था, लेकिन महामारी के कारण इसे स्थगित करना पड़ा.
मुख्यमंत्री ने कल शाम राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन से मुलाकात की और कथित तौर पर उन्हें सूचित किया कि वह अपने मंत्रिमंडल में बदलाव करेंगे. मुख्यमंत्री के कल फिर उनसे मिलने और उन्हें उन मंत्रियों की सूची सौंपने की संभावना है, जिन्हें वह 11 अप्रैल को शपथ दिलाना चाहते हैं.
सूत्रों का कहना है कि "निवर्तमान" टीम के केवल एक या दो मंत्रियों को बनाए रखने की संभावना है और केवल इसलिए कि वे उन समुदायों से संबंधित हैं जिनका प्रतिनिधित्व करने की आवश्यकता है. नए मंत्रिमंडल में नवगठित 26 जिलों में से प्रत्येक से प्रतिनिधित्व होने की संभावना है. बता दें कि रेड्डी ने अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग, कापू और मुस्लिम अल्पसंख्यक समुदाय के पांच उपमुख्यमंत्री चुने थे. कैबिनेट में तीन महिलाएं थीं. गृह मंत्री एम सुचरिता थीं, जो दलित समुदाय की एक महिला थीं.
हालांकि, मंत्रियों को पता है कि उनमें से ज्यादातर को विस्तार नहीं मिलेगा. एक मंत्री ने कहा कि मंत्रियों को हटाए जाने का मतलब खराब प्रदर्शन नहीं है. उन्हें पार्टी के अंदर कोई भूमिका दिए जाने की संभावना है. बता दें कि 30 मई, 2019 को मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभालने के बाद वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने वादा किया था कि ढाई साल बाद अपने मंत्रिमंडल में बदलाव करेंगे.