अलविदा पापा ! शहीद कर्नल को बेटे ने आर्मी यूनिफॉर्म में किया अंतिम सलाम, बहन भी रही साथ

कर्नल सिंह के भरौंजियन गांव स्थित घर में सुबह से ही शोक मनाने वालों का तांता लगा जो उनकी गमगीन पत्नी, मां और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ अंतिम यात्रा में शामिल हुए. इस दौरान सेना के एक अधिकारी को कबीर को गोद में लिए हुए देखा गया जबकि परिवार और अन्य लोग उन्हें अंतिम विदाई दे रहे थे. एक रिश्तेदार ने उनकी दो वर्ष की बेटी बन्नी को गोद में ले रखा था.

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पूरे सैन्य सम्मान के साथ शहीद कर्नल मनप्रीत सिंह का हुआ अंतिम संस्कार

चंडीगढ़: 'जय हिन्द पापा'...यह शब्द कर्नल मनप्रीत सिंह के 6 वर्ष के बेटे कबीर की थी, जिसने सेना की वर्दी पहनकर शहीद पिता को अंतिम विदाई दी. कश्मीर घाटी में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में देश के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले शहीद मनप्रीत सिंह का शुक्रवार को पंजाब के मोहाली जिले में उनके पैतृक गांव में अंतिम संस्कार किया गया. शहीद कर्नल मनप्रीत सिंह के पैतृक गांव में श्रद्धांजलि देने के लिए लोगों का तांता लगा रहा. यहां मौजूद हर कोई भारत माता के इस वीर सपूत के बहादुरी की गाथा गा रहे थे.

कर्नल सिंह के भरौंजियन गांव स्थित घर में सुबह से ही शोक मनाने वालों का तांता लगा जो उनकी गमगीन पत्नी, मां और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ अंतिम यात्रा में शामिल हुए. इस दौरान सेना के एक अधिकारी को कबीर को गोद में लिए हुए देखा गया जबकि परिवार और अन्य लोग उन्हें अंतिम विदाई दे रहे थे. एक रिश्तेदार ने उनकी दो वर्ष की बेटी बन्नी को गोद में ले रखा था.

पूरे सैन्य सम्मान के साथ हुआ अंतिम संस्कार
कबीर को बाद में परिवार के अन्य सदस्यों के साथ अपने पिता के तिरंगे में लिपटे ताबूत से चिपके हुए देखा गया. दाह संस्कार से ठीक पहले उसने अपने पिता के पार्थिव शरीर को नमन किया जिसके बाद 'भारत माता के सपूत की जय' एवं 'भारत माता की जय' के नारे गूंज उठे. कर्नल सिंह का अंतिम संस्कार पूरे सैन्य सम्मान के साथ हुआ जिसमें पुष्पांजलि देने के साथ बंदूकों से भी सलामी दी गई.

शहीद के लिए पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित, पूर्व सेना प्रमुख वी पी मलिक, पंजाब सरकार में मंत्री चेतन सिंह जौरामाजरा एवं अनमोल गगन मान के साथ-साथ सेना तथा पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे और पुष्पांजलि अर्पित की. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता लेफ्टिनेंट जनरल डी पी वत्स (सेवानिवृत्त) भी उपस्थित थे.

पुरोहित और अनमोल मान ने कर्नल सिंह के परिवार को सांत्वना भी दी. कर्नल सिंह की भावुक मां को सुबह से ही अपने बेटे के पार्थिव शरीर के लिए दरवाजे पर इंतजार करते हुए देखा गया. सिंह अपने परिवार में तीसरी पीढ़ी के सैनिक थे. उनके पिता की नौ साल पहले मृत्यु हो गई थी जो एक पूर्व सैनिक थे.

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कर्नल सिंह के अंतिम संस्कार में उनके कुछ शिक्षक भी शामिल हुए. गमगीन शिक्षकों ने कहा,''हमारे लिए वह एक हीरा था. वह देश का भी हीरा था. उसने कहा था कि वह दिसंबर में लौटेगा.'' कर्नल सिंह की कक्षा-एक की शिक्षिका आशा चड्डा ने उन्हें असाधारण छात्र बताते हुए कहा,''आज हम बहुत दुखी हैं लेकिन इसी वक्त हम एक शहीद के शिक्षक होने का गर्व महसूस कर रहे हैं जिसने देश के सर्वोच्च बलिदान दिया है.''

सेना मेडल से सम्मानित सेना अधिकारी के परिवार में दो बच्चे, पत्नी जगमीत कौर, माता मनजीत कौर और भाई संदीप है. शहीद की पत्नी हरियाणा के पंचकूला के सरकारी स्कूल में शिक्षिका है. कर्नल सिंह ने चंडीगढ़ के एक कॉलेज से वाणिज्य में स्नातक करने से पहले अपनी स्कूली शिक्षा मुल्लांपुर से की थी. इसके बाद उन्होंने संयुक्त रक्षा सेवा परीक्षा उत्तीर्ण की और भारतीय सैन्य अकादमी में शामिल हो गए.

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जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हुए मेजर आशीष ढोचक का शुक्रवार को हरियाणा के पानीपत में पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार हुआ. कश्मीर घाटी के कोकेरनाग इलाके में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में कर्नल सिंह और मेजर ढोचक सहित सेना के तीन कर्मी एवं जम्मू-कश्मीर पुलिस के एक उपाधीक्षक शहीद हो गए थे.

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