मोकामा में वर्चस्व की लड़ाई कोई नई बात नहीं है... अनंत सिंह फायरिंग मामले पर बोले बिहार के पूर्व डीजी

पूर्व डीजी अशोक गुप्ता ने कहा, "इस तरह से अंधाधुन फायरिंग होना, वर्चस्व के लिए गैंग-वॉर होना... विधि व्यवस्था पर प्रश्न उठाता है."

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(फाइल फोटो)
मोकामा:

पटना के मोकामा इलाके में बुधवार शाम को हुई गोलीबारी में पूर्व विधायक अनंत सिंह बाल-बाल बचे हैं. जानकारी के मुताबिक सोनू-मोनू गैंग और अनंत सिंह के बीच 50-60 राउंड फायरिंग हुई थी. यह घटना पटना जिले के बाहरी इलाके बाढ़ के नौरंगा गांव की है. इस घटना पर बिहार पुलिस के पूर्व डीजी अशोक गुप्ता ने कहा, "इस तरह से अंधाधुन फायरिंग होना, वर्चस्व के लिए गैंग-वॉर होना... विधि व्यवस्था पर प्रश्न उठाता है. मोकामा, बाढ़, बेगुसराय, मुंगेर और पटना के ट्राइजंक्शन पर है और इस वजह से यहां पर अपराधी या फिर माफिया तत्व हमेशा अपना वर्चस्व बनाने के लिए गैंगवार करते हैं". 

उन्होंने कहा, "यह पुराना इतिहास रहा है. इसमें सोनू-मोनू गैंग ने जो घर पर कब्जा किया, अपना वर्चस्व बढ़ाने के लिए और रंगदारी के लिए किया है. यहां पर इकोनॉमिक इंटरेस्ट भी शामिल है. सोनू-मोनू गैंग ने घर पर कब्जा इसलिए किया क्योंकि वो अपना वर्चस्व स्थापित करना चाहते हैं और इतने राउंड फायरिंग हुई तो पुलिस का इसमें फेलियर तो साफ नजर आ रहा है. यहां पर किस तरह से इतने अपराधी काम कर रहे हैं. थाना से लेकर जिला पुलिस मुख्यालय तक सभी को इसपर काम करने की बहुत जरूरत है. इस क्षेत्र में माफिया हावी रहते हैं. ऐसे में पुलिस एक्शन की कमी है."

पुलिस ने मामले की दी जानकारी

पुलिस ने बताया कि, "मुकेश कुमार के घर पर सोनू-मोनू ने ताला लगा दिया था और पैसों को लेकर मारपीट की थी. इसी विवाद पर पूर्व जनप्रतिनिधि अनंत सिंह वहां पहुंचे और ताला खुलवा कर वो सोनू-मोनू के घर पहुंचे और इसी को लेकर दोनों पक्षों के बीच फायरिंग हो गई. इसके बाद से ही दोनों पक्ष एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं". एसपी बिक्रम सिंह ने कहा, "सुबह मुकेश कुमार के घर पर सोनू-मोनू ने पैसे के लेन-देन को लेकर ताला लगा दिया था. इसी मामले को सुलझाने के लिए अनंत सिंह, सोनू-मोनू के घर पहुंचे थे और इसी के बाद दोनों पक्षों के बीच फायरिंग हो गई". 

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घटना को लेकर किए जा रहे हैं ये चार दावे

  • पहला दावा - अनंत सिंह के कहने पर गोली चलाई गई.
  • दूसरा दावा - अनंत सिंह के समर्थकों और सोनू-मोनू के गुट के बीच गैंगवार की घटना हुई. 
  • तीसरा दावा - अनंत सिंह के समर्थकों ने घर पर कब्जा छुड़वाने की कोशिश की थी, जिसके बाद ये विवाद आगे बढ़ा.
  • चौथा दावा- अनंत सिंह ने घर से कब्जा हटवाने की कोशिश की और इस वजह से दोनों पक्षों के बीच फायरिंग हुई.

कौन हैं सोनू-मोनू? 

  • 2009 से आपराधिक घटनाओं में सोनू-मोनू और उनकी गैंग का नाम सामने आता रहा है. 
  • दोनों के नाम पर 10 से ज्यादा थाना इलाकों में आपराधिक मामले दर्ज हैं. 
  • हत्या, ट्रेन लूट, अपहरण आदि जैसे कई मामले इनके खिलाफ दर्ज है. 
  • मुख्तार अंसारी गैंग से भी इनके संबंधों के बारे में बात की जाती है
  • पहले अनंत सिंह के नाम पर ही सोनू-मोनू ने अपराध किए हैं. 
  • अनंत सिंह के जेल जाने के बाद दोनों ने अपना दबदबा बनाने की कोशिश की. 
  • सरकारी अधिकारियों को धमकाने का भी इनपर आरोप है. 
  • दोनों सगे भाई हैं और जलालपुर गांव के रहने वाले हैं. 
  • पुलिस रिकॉर्ड में कुख्यात बदमाश के नाम से दर्ज हैं सोनू-मोनू के नाम 
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