पंजाब विधानसभा चुनावों में इस बार अमृतसर ईस्ट सीट चर्चा में है. शिरोमणि अकाली दल के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया (Bikram Singh Majithia) अमृतसर ईस्ट (Amritsar East) सीट से पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) के खिलाफ चुनाव लड़ने जा रहे हैं. पंजाब की राजनीति में इन दिनों काफी उथल-पुथल देखने को मिल रही है. एक ओर जहां कांग्रेस के चरणजीत सिंह चन्नी (Charanjit Singh Channi) को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करने के बाद पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के बगावती सुर फिर सुनाई दे रहे हैं. इधर, बिक्रम सिंह मजीठिया ने सिद्धू की एक सीट से चुनाव लड़ने की चुनौती स्वीकार करते हुए पंजाब विधानसभा चुनाव में लोगों की उत्सुकता में इजाफा कर दिया है. मजीठिया ने अपना गढ़ रही सीट मजीठा को छोड़कर अमृतसर ईस्ट सीट से चुनाव का फैसला किया है. मजीठा से अब मजीठिया की पत्नी चुनाव लड़ने जा रही हैं.
बता दें कि मजीठिया लगातार दो बार पंजाब की मजीठा सीट (Majitha) पर चुनाव जीतते आ रहे हैं. 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में शिरोमणि अकाली दल (Shiromani Akali Dal) के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने जीत हासिल की थी. इससे पहले 2007 में भी कांग्रेस के सुखजिंदर राज सिंह को हराकर मजीठिया ने जीत हासिल की थी. मजीठिया जल आपूर्ति और स्वच्छता, सूचना और जनसंपर्क, विज्ञान, प्रौद्योगिकी, पर्यावरण, राजस्व, जनसंपर्क, एनआरआई मामलों और गैर-पारंपरिक ऊर्जा के कैबिनेट मंत्री रहे हैं. इतना ही नहीं मजीठिया युवा अकाली दल के अध्यक्ष के रूप में भी कार्य कर चुके हैं.
मजीठिया सामाजिक कार्यों में सहयोग देने के लिए भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते रहे हैं. रक्तदान, विकलांगों को तिपहिया दान, और जरूरतमंद लड़कियों की शादी, बाढ़ प्रभावितों का दौरा करने जैसी सामाजिक गतिविधियों से जोड़कर मजीठिया ने राजनीति में सकारात्मक बदलाव लाने में युवाओं की अधिकतम भागीदारी सुनिश्चित की है.
मजीठिया PUNMEDIA के चेयरमेन और पंजाब स्टेट लैंड रिकॉर्ड सोसाइटी के प्रमुख का पद भी संभाल चुके हैं.
सुखबीर सिंह बादल के साले बिक्रम सिंह मजीठिया 2018 में सुर्खियों में आए थे. दरअसल दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मजीठिया पर ड्रग्स केस में शामिल होने के आरोप लगाए थे. जिससे आहत होकर मजीठिया ने केजरीवाल को कोर्ट में घसीटा. हालात ये हुए कि केजरीवाल को मजीठिया से माफी मांगनी पड़ी.