- कुख्यात नक्सली कमांडर हिडमा को आंध्र प्रदेश पुलिस ने मार गिराया है, जो कई बड़े हमलों का मास्टरमाइंड था
- गृहमंत्री नक्सलियों को कई बार चेता चुके हैं कि वे मुख्यधारा में लौट आएं या फिर कार्रवाई के लिए तैयार रहें
- अमित शाह ने NDTV के मंच पर 1 नवंबर को ये चेतावनी दोहराई थी और 17 दिन बाद सुरक्षाबलों ने हिडमा को मार गिराया.
कुख्यात नक्सली कमांडर माडवी हिडमा आखिरकार मारा ही गया. 2017 के सुकमा हमले और उससे पहले 2013 के दरभा घाटी नरसंहार समेत 26 बड़े हमलों के मास्टरमाइंड हिडमा के सिर पर सरकार ने एक करोड़ रुपये का इनाम घोषित कर रखा था. सुरक्षाबलों ने इसे अल्लूरी सीताराम राजू (ASR) जिले के मारेदुमिल्ली में मार गिराया. इसी महीने देश के गृहमंत्री अमित शाह ने NDTV के पावरप्ले बिहार कॉन्क्लेव के मंच से हिडमा समेत तमाम नक्सलियों को एक बार फिर चेतावनी दी थी. उन्होंने स्पष्ट कहा था कि नक्सली या तो सरेंडर कर दें और मुख्यधारा में लौट आएं, या फिर पुलिस उन्हें जारी ऑपरेशन में न्यूट्रिलाइज कर डालेगी(मार गिराएगी).
अमित शाह ने दोहराया था अल्टीमेटम
पटना में 1 नवंबर को NDTV ग्रुप के एडिटर इन चीफ और सीईओ राहुल कंवल ने पावरप्ले के मंच पर गृहमंत्री से सरकार के उस कमिटमेंट को लेकर सवाल किया था, जिसमें 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद के सफाये का वादा किया गया था. सवाल में उन्होंने ये भी जोड़ा कि हिडमा जैसे नक्सली अबतक बचे कैसे हुए हैं.
इस पर अमित शाह ने पशुपति टू तिरुपति के रेड कॉरिडॉर का जिक्र करते हुए कहा, 'एक समय था, जब नक्सलवाद देश के 130 जिलों में फैला हुआ था. आज महज 11 जिले बच गए हैं. खासतौर से ज्यादा नक्सल प्रभावित 3 ही जिले बचे हैं.'
अमित शाह ने कहा था, 'ढेर सारे नक्सली न्यूट्रिलाइज हुए हैं (मारे गए हैं), ढेर सारे अरेस्ट भी हुए हैं और सरेंडर भी हुए हैं.' उन्होंने दोहराया कि नक्सलियों के हिंसक आंदोलन की रीढ़ टूट चुकी है. अब जो थोड़ा बहुत बचा है, हमारी सुरक्षा एजेंसियां 31 मार्च 2026 के पहले पूरा कर देंगी.'
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'मुख्य धारा में लौट आएं नक्सली, वरना...'
गृहमंत्री ने कहा कि नक्सली मुख्यधारा में लौट आएं. उन्होंने बताया कि इसके लिए व्यवस्था बनी हुई है. कहा, 'सरेंडर होने के बाद 6 महरीने तक रिहैब सेंटर में रहना है, जहां साइकैट्रिस्ट की व्यवस्था है. समर्पण करने वाले नक्सलियों के रोजगार कौशल विकास की भी योजना है. इनके पुनर्वास के लिए योजनाएं बनाई गई हैं.
'...और जो दुर्दांत नक्सली हैं'
अमित शाह ने कहा कि जो दुर्दांत नक्सली है, जिन पर कम भरोसा किया जा सकता है, उन पर नजर रखने की भी व्यवस्था है और कुछ भी हुआ तो पुलिस कहीं गई नहीं है. पुलिस जस की तस वही है. अगर बाद में भी कोई कुछ करेगा तो पुलिस उसको मजबूत जवाब देगी.'
हिडमा, गणपति जैसे कुख्यात नक्सलियों को वे क्या संदेश देंगे, इस सवाल पर गृहमंत्री ने कहा, 'मैंने पच्चीसों बार कहा है कि भाई हथियार डाल दो. मुख्य धारा में चले आओ. मैं तो यही आशा करता हूं. लेकिन अगर हथियार नहीं डालेंगे तो हमारा अभियान चालू है. जिसके हाथ में हथियार है, पुलिस उस पर कार्रवाई करेगी. ढेर सारे नक्सलियों को न्यूट्रिलाइज किया गया है, ये अभियान चालू रहेगा.
17 दिन के भीतर मारा गया हिडमा
अमित शाह की इन चेतावनियों के 17 दिन भी नहीं बीते कि आंध्र प्रदेश पुलिस नेके एक अभियान में माडवी हिडमा और 5 अन्य माओवादियों को मार गिराया. इसी के साथ 1981 में छत्तीसगढ़ के सुकमा में जन्मे हिडमा की कहानी खत्म हुई. अमित शाह ने इस अभियान के लिए सुरक्षाकर्मियों को बधाई दी है.
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