"19 सालों तक मोदी जी विषपान करते रहे": गुजरात दंगा केस में आए फैसले पर बोले अमित शाह

गृहमंत्री ने कहा कि "18-19 साल की लड़ाई, देश का इतना बड़ा नेता एक शब्द बोले बगैर सभी दुखों को भगवान शंकर के विषपान की तरह गले में उतारकर सहन कर लड़ता रहा. मैंने मोदी जी को नजदीक से इस दर्द को झेलते हुए देखा है."

विज्ञापन
Read Time: 19 mins

गृहमंत्री अमित शाह ने गुजरात दंगों पर तोड़ी अपनी चुप्पी.

नई दिल्ली:

गुजरात दंगों पर सुप्रीम कोर्ट के फैसलों को लेकर गृहमंत्री अमित शाह ने शनिवार को न्यूज एजेंसी ANI से एक इंटरव्यू में कहा कि इस मामले में लंबी लड़ाई के बाद "सत्य सोने की तरह बाहर आया है." उन्होंने कहा कि मामले में "झूठे आरोपों से 19 सालों तक मोदीजी को दर्द झेलते देखा है." गृहमंत्री ने कहा कि "18-19 साल की लड़ाई, देश का इतना बड़ा नेता एक शब्द बोले बगैर सभी दुखों को भगवान शंकर के विषपान की तरह गले में उतारकर सहन कर लड़ता रहा. मैंने मोदी जी को नजदीक से इस दर्द को झेलते हुए देखा है. क्योंकि न्यायिक प्रक्रिया चल रही थी तो सब कुछ सत्य होने के बावजूद भी हम कुछ नहीं बोलेंगे.. बहुत मजबूत मन का आदमी ही ये स्टैंड ले सकता है." 

दंगों में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी पर लगे आरोपों को राजनीतिक रूप से प्रेरित बताते हुए अमित शाह ने कहा कि "सुप्रीम कोर्ट ने सभी आरोपों को खारिज किया है. आप कह सकते हैं कि इस फैसले ने ये सिद्ध कर दिया है कि सभी आरोप राजनीतिक रूप से प्रेरित थे."

अमित शाह ने विपक्ष को टारगेट करते हुए कहा कि "जिन लोगों ने मोदी जी पर आरोप लगाए थे अगर उनकी अंतरात्मा है तो उन्हें मोदी जी और बीजेपी नेता से माफी मांगनी चाहिए." उन्होंने कहा कि "मोदी जी से भी पूछताछ हुई थी लेकिन तब किसी ने धरना-प्रदर्शन नहीं किया था और हमने कानून को सहयोग दिया और मेरी भी गिरफ़्तारी हुई थी लेकिन कोई भी धरना-प्रदर्शन नहीं हुआ था."

Advertisement

SIT जांच को लेकर बोले कि "दिल्ली में सेना का मुख्यालय है, जब इतने सारे सिख भाइयों को मार दिया गया, 3 दिन तक कुछ नहीं हुआ. कितनी SIT बनी? हमारी सरकार आने के बाद SIT बनी। ये लोग हम पर आरोप लगा रहे हैं?"

Advertisement

बता दें कि साल 2002 गुजरात दंगों में राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को क्लीन चिट देने वाली एसआईटी रिपोर्ट के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एक फैसले में मोदी को मिली क्लीन चिट को बरकरार रखा था. इन दंगों के जांच में एसआईटी ने तत्कालनी सीएम को क्लीन चिट दी थी, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने अपनी मुहर लगा दी. कोर्ट ने 2002 दंगों के पीछे ‘बड़ी साजिश' की जांच से इनकार करते हुए जाकिया जाफरी की याचिका खारिज कर दी और कहा कि जाकिया की अपील में कोई मेरिट नहीं है. 

Advertisement
Topics mentioned in this article