केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने शनिवार को केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) के परिसर महिपालपुर में बल के नवस्थापित विमानन सुरक्षा नियंत्रण केंद्र (ASCC) का उद्घाटन किया. इस अवसर पर सीआईएसएफ के महानिदेशक शील वर्धन सिंह के अलावा आसूचना ब्यूरो के निदेशक तपन कुमार डेका और नागर विमानन सुरक्षा ब्यूरो के महानिदेशक जुल्फिकार हसन के अलावा कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे.
सीआईएसएफ को सर्वप्रथम फरवरी 2000 में हवाई अड्डों की सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. दो दशक पश्चात आज सीआईएसएफ देश भर में स्थित 134 परिचालन हवाई अड्डों में से 66 हवाई अड्डों को सुरक्षा कवच प्रदान कर रहा है. इनमें दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, जम्मू, श्रीनगर, अमृतसर आदि जैसे देश के सबसे व्यस्तम और अतिसंवेदनशील हवाई अड्डे शामिल हैं.
सुरक्षा कर्तव्यों की निगरानी करने और संसाधनों के उपयोग की वास्तविक समय में जानकारी प्राप्त करने के लिए प्रत्येक हवाई अड्डे पर एक सुरक्षा परिचालन नियंत्रण केंद्र (SOCC) स्थापित किया गया है. यह SOCC चौबीसों घंटे सामान्य एवं आकस्मिक परिस्थितियों के दौरान संबंधित हवाई अड्डे की महत्वपूर्ण जानकारी संग्रह करने और उसे सम्बंधित तक पहुंचाने के लिए नोडल केंद्र के रूप में कार्य करते हैं.
समय के साथ हवाई यातायात और यात्रियों की संख्या में लगातार वृद्धि, वर्तमान सुरक्षा परिदृश्य, हवाई अड्डों पर बढ़ते खतरों और देश भर में हवाई अड्डों के भौगोलिक विस्तार को ध्यान में रखते हुए हवाई अड्डों पर घटित होने वाली घटनाओं की केंद्रीकृत निगरानी की आवश्यकता महसूस की गई ताकि आकस्मिकताओं का निस्तारण वास्तविक समय में किया जा सके. इन आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए सीआईएसएफ ने डेटा सेंटर, आर एंड डी लैब और वॉर रूम जैसी प्रौद्योगिकियों से लैस एक अत्याधुनिक केंद्रीकृत एविएशन सिक्योरिटी कंट्रोल सेंटर स्थापित किया है, जो सभी 66 हवाई अड्डों के SOCC के साथ जुड़ा हुआ है.
विमानन सुरक्षा नियंत्रण केंद्र की मुख्य विशेषताएं :
यात्रियों और हवाई यातायात के डेटा की 24x7 वास्तविक समय में निगरानी और प्रचलन विश्लेषण : यह सुविधा किसी निश्चित समय पर यात्रियों की संख्या के बारे में सही जानकारी प्रदान करेगी और संसाधन एकत्रित करने में सहायक होगी. इस केंद्र द्वारा विभिन्न जानकारी एकत्र की जाएगी, जैसे- बम की धमकी वाली कॉल, अतिविशिष्ट व्यक्तियों का आवागमन, प्रमुख घटनाएं, यात्रियों की सुरक्षा जांच में लगने वाला समय, सुरक्षा उपकरणों का उपयोग, पंक्ति प्रबंधन प्रणाली आदि.
घटना और आकस्मिकता प्रबंध : सभी 66 हवाई अड्डे अब वीपीएन (Virtual Private Network) और आईपी (Internet Protocol) टेलीफोनिक प्रणाली के माध्यम से जुड़े हुए हैं और किसी भी आकस्मिक घटना के दौरान वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा जानकारी को तत्काल ही प्राप्त किया जा सकता है.