मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने गुरुवार को कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आश्वासन दिया है कि वह सीमा पर ‘‘असम पुलिस की ओर से की गई गोलीबारी'' की केंद्रीय एजेंसी से जांच कराने के उनके अनुरोध पर विचार करेंगे. संगमा ने यहां संवाददाताओं से बात करते हुए कहा कि शाह के साथ मुलाकात के दौरान उन्होंने गोलीबारी में मारे गए लोगों के लिए न्याय और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. बाद में गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने ट्वीट किया कि शाह ने गोलीबारी की घटना की सीबीआई जांच का आश्वासन दिया है, जिसकी मांग असम सरकार ने भी की थी.
ट्वीट में कहा गया है, “मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने आज केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह से मुलाकात की और असम-मेघालय सीमा पर हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना की सीबीआई जांच का अनुरोध किया. असम सरकार ने भी इस मामले की सीबीआई जांच का अनुरोध किया है. गृह मंत्री अमित शाह ने आश्वासन दिया है कि सरकार सीबीआई जांच कराएगी.”
इससे पहले, संगमा ने इस बात पर बल दिया कि असम के पुलिसकर्मियों ने मेघालय में पश्चिम जयंतिया हिल्स के मुकरोह गांव में “निर्दोष लोगों” पर गोली चलाई थी. मंगलवार तड़के असम के वनकर्मियों द्वारा अवैध रूप से काटी गई लकड़ियों से लदे एक ट्रक को रोके जाने के बाद असम-मेघालय सीमा पर हिंसा हुई थी, जिसमें एक वन रक्षक समेत छह लोगों की मौत हो गई थी.
संगमा ने कहा कि उन्होंने केंद्र सरकार से असम के साथ सीमा विवाद में हस्तक्षेप करने का भी अनुरोध किया ताकि दोनों राज्यों के बीच संवाद और विश्वास में सुधार हो सके. उन्होंने कहा, “गृह मंत्री अमित शाह ने आश्वासन दिया है कि वह आज ही सीमा पर गोलीबारी की जांच के हमारे अनुरोध पर कार्रवाई करेंगे.” उन्होंने कहा कि दोषियों को सजा मिलेगी लेकिन इस समय हमें शांति बनाए रखनी चाहिए।शाह के साथ हुई बैठक में संगमा के संग उनके कैबिनेट सहयोगी भी थे.
इस बीच, असम-मेघालय सीमा पर स्थिति तनावपूर्ण लेकिन शांतिपूर्ण बनी हुई है और इलाके में बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं. हिंसा स्थल और आसपास के इलाकों में सीआरपीसी की धारा 144 लागू है. इस बीच, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने गुरुवार को कहा कि असम-मेघालय सीमा पर हुई झड़प का “सीमा विवाद” से कोई संबंध नहीं है. उन्होंने कहा कि पड़ोसी राज्यों के बीच सीमा विवाद जल्द ही सुलझा लिया जाएगा.
उन्होंने कहा कि लकड़ी की तस्करी की जा रही थी और जब वन अधिकारियों ने वाहन को रोकने की कोशिश की तो स्थानीय लोगों और पुलिस के बीच “झड़प हो गई.” सरमा ने ‘टाइम्स नाउ समिट' कहा, “दुर्भाग्य से, जो लोग मारे गए वे मेघालय के रहने वाले थे, लेकिन इसका क्षेत्रीय विवाद से कोई लेना-देना नहीं है...यह सीमा विवाद नहीं है.”