अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में उथल-पुथल के बीच भारत का एक्सपोर्ट अप्रैल-सितंबर 2025 में 4.45% बढ़ा: वाणिज्य मंत्रालय

आधिकारिक व्यापार आंकड़ों के अनुसार, सितंबर 2025 में व्यापारिक निर्यात भी पिछले वर्ष इसी महीने के 34.08 बिलियन अमेरिकी डॉलर से 6.74 प्रतिशत बढ़कर 36.38 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया.

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नई दिल्ली:

सितंबर और वित्त वर्ष 2025-26 की पहली छमाही में भारत की स्थिर निर्यात वृद्धि मज़बूत लचीलेपन और वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता को दर्शाती है, फेडरेशन ऑफ़ इंडियन एक्सपोर्ट फेडरेशन ऑर्गनाइजेशन (FIEO) के अध्यक्ष एस सी रल्हन ने एक बयान जारी कर कहा है. बुधवार को वाणिज्य मंत्रालय ने आंकड़े जारी कर कहा कि अप्रैल-सितंबर 2025 के दौरान कुल निर्यात (वस्तुएं और सेवाएं) 413.30 बिलियन अमेरिकी डॉलर होने का अनुमान है, जबकि अप्रैल-सितंबर 2024 में यह 395.71 बिलियन अमेरिकी डॉलर था. यानि अंतराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में कई मैचों पर चुनौती के बावजूद मौजूदा वित्तीय वर्ष के दौरान एक्सपोर्ट 4.45% तक बढ़ गया है.  

अप्रैल-सितंबर 2025 के दौरान व्यापारिक निर्यात (merchandise exports) 220.12 बिलियन अमेरिकी डॉलर रिकॉर्ड किया गया, जबकि अप्रैल-सितंबर 2024 के दौरान यह 213.68 बिलियन अमेरिकी डॉलर था, जो 3.02 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है. वाणिज्य मंत्रालय के मुताबिक, सितंबर 2025 में व्यापारिक निर्यात (merchandise exports) में दर्ज़ वृद्धि की प्रमुख वजह इलेक्ट्रॉनिक सामान, पेट्रोलियम उत्पाद, इंजीनियरिंग उत्पाद, चावल, समुद्री उत्पाद और ड्रग्स एवं फार्मास्यूटिकल्स के एक्सपोर्ट में बढ़ोतरी है. इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं का निर्यात सितंबर 2024 में 2.07 बिलियन अमेरिकी डॉलर से 50.54 प्रतिशत बढ़कर सितंबर 2025 में 3.12 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया.

देश के सबसे बड़े एक्सपोर्टरों के संगठन FIEO के अध्यक्ष ने अपनी पहली प्रतिक्रिया में कहा कि सितंबर 2025 और वित्त वर्ष 2025-26 की पहली छमाही में भारत के व्यापारिक और समग्र निर्यात में निरंतर वृद्धि की सराहना की है और इसे चुनौतीपूर्ण वैश्विक परिदृश्य में भारतीय निर्यातकों के लचीलेपन, अनुकूलनशीलता और प्रतिस्पर्धात्मकता का प्रमाण बताया है. प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में लगातार भू-राजनीतिक तनाव, ऊंची ब्याज दरों और सुस्त माँग के बावजूद, भारत के निर्यात क्षेत्र ने उल्लेखनीय मजबूती और निरंतरता दिखाई है.

आधिकारिक व्यापार आंकड़ों के अनुसार, सितंबर 2025 में व्यापारिक निर्यात भी पिछले वर्ष इसी महीने के 34.08 बिलियन अमेरिकी डॉलर से 6.74 प्रतिशत बढ़कर 36.38 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया. फियो अध्यक्ष श्री के मुताबिक, आयात में वृद्धि इलेक्ट्रॉनिक्स, मशीनरी और मध्यवर्ती वस्तुओं जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में घरेलू विनिर्माण क्षमताओं के निर्माण पर नए सिरे से ध्यान केंद्रित करने की मांग करती है. रल्हन ने सरकार से स्थानीय उत्पादन को प्रोत्साहित करके और नवाचार एवं पैमाने के माध्यम से वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाकर आयात प्रतिस्थापन की दिशा में साहसिक कदम उठाने का आग्रह किया।

अमेरिका भारत का सबसे बड़ा एक्सपोर्ट डेस्टिनेशन बना हुआ है, उसके बाद संयुक्त अरब अमीरात, नीदरलैंड, चीन, ब्रिटेन और जर्मनी का स्थान आता है. 

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