यह राजधानी दिल्ली का हाल है, देखिए पानी के लिए कैसे हाहाकार

दिल्ली के कई इलाकों में टैंकरों से पानी भरने के लिए लोगों की लंबी-लंबी कतारें देखने को मिल रही और कई इलाकों में तो लोगों को जरुरतों के लिए भी पानी नहीं मिल रहा.

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भीषण गर्मी के बीच कई राज्यों में जलसंकट गहराया
नई दिल्ली:

देश की राजधानी दिल्ली में इस वक्त लोग भीषण गर्मी की मार झेल रहे हैं. ऊपर से पानी की किल्लत ने राजधानी के लोगों की मुसीबतें और बढ़ा दी है. आलम ये है कि दिल्ली के कई इलाकों में लोग पानी को तरसे रहे हैं. दिल्ली के निवासी इस भीषण गर्मी में जल संकट की वजह से परेशान दिखे. दिल्ली के कई इलाकों में टैंकरों से पानी भरने के लिए लोगों की लंबी-लंबी कतारें देखने को मिल रही और कई इलाकों में तो लोगों को जरुरतों के लिए भी पानी नहीं मिल रहा.

पानी के लिए दिल्ली के संजय कैंप में हाहाकार

दिल्ली से हाल ही में एक वीडियो सामने आया है, जिसमें साफ देखा जा सकता है कि राजधानी में पानी संकट कितना गहराया हुआ. सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए वीडियो में एक पानी टैंकर दिख रहा है, इस पानी टैंकर से पानी लेने के लिए लोग जान जोखिल में डालकर चलते टैंकर पर चढ़ रहे हैं. पानी के लिए सैकड़ों लोग जद्होजह्द करते नजर आ रहे हैं. जैसे ही पानी टैंकर बस्ती में पहुंचता है वैस ही लोग एक-दूसरे को धक्का देकर पानी के टैंकर के ऊपर चढ़ जाते हैं. वहीं नीचे खड़े बाल्टी और कैन लिए पानी के लिए जूझते दिख रहे हैं.

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लोगों को टैंकरों के जरिए पानी की आपूर्ति की जा रही है, लेकिन इतनी बड़ी दिल्ली में टैंकर से पानी की आपूर्ति नाकाफी साबित हो रही है. दिल्ली के कई इलाकों में निवासी अपने प्लास्टिक के बर्तनों के साथ कतार में खड़े होकर पानी के टैंकरों का बेसब्री से इंतजार करते दिखे.

पानी की किल्लत से जूझ रहे लोगों ने बयां किया दर्द

गीता कॉलोनी की निवासी विभा देवी ने अपनी दिक्कत साझा की. उन्होंने कहा, 'मैं सुबह 4 बजे से कतार में खड़ी हूं, लेकिन भीड़ के कारण मैं पानी के टैंकर तक नहीं पहुंच पाती... पानी मिलना मुश्किल है.' यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें पानी मिल पाता है, उन्होंने कहा, 'कभी-कभी हमें पानी मिल जाता है, कभी-कभी नहीं. जब नहीं मिलता, तो हमें इसे बाहर से खरीदना पड़ता है और इसका कम इस्तेमाल करना पड़ता है.'

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गीता कॉलोनी में रहने वाली विभा देवी ने अपनी दिक्कत साझा की. उन्होंने कहा, 'मैं सुबह 4 बजे से खड़ी हूं, लेकिन भीड़ के कारण मैं पानी के टैंकर तक नहीं पहुंच पाती... पानी मिलना मुश्किल है.'

दिल्ली में पानी की कमी पर सियासत तेज

दिल्ली में पानी की समस्या को लेकर सियासत तेज हो चुकी है. दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने पानी की समस्या के लिए इस साल फिर हरियाणा सरकार को जिम्मेदार बताया है. इस मामले पर भाजपा के नेताओं ने केजरीवाल को निशाने पर लिया है. हरियाणा के कई मंत्रियों ने शुक्रवार को अरविंद केजरीवाल सरकार पर निशाना साधते हुए दिल्ली के जल संकट के लिए उसके 'कुप्रबंधन' को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि हर मुद्दे पर हरियाणा को दोष देना आप सरकार की आदत बन गई है.

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दिल्ली में पानी की समस्या को लेकर सियासत तेज हो चुकी है. दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने पानी की समस्या के लिए इस साल फिर हरियाणा सरकार को जिम्मेदार बताया है.

पानी की किल्लत पर दिल्ली और हरियाणा आमने-सामने

दिल्ली में पानी की भारी कमी है और आप सरकार ने हरियाणा पर राष्ट्रीय राजधानी के हिस्से का पानी नहीं देने का आरोप लगाया है. दूसरी ओर, भाजपा ने जल संकट के लिए आप सरकार को जिम्मेदार ठहराया है और दावा किया है कि हरियाणा शहर को यमुना से 1,049 क्यूसेक पानी की आपूर्ति कर रहा है, जो कि तय मात्रा से भी अधिक है. हरियाणा के कृषि मंत्री कंवर पाल ने यमुनानगर में संवाददाताओं से कहा, 'हम समझौते के अनुसार राष्ट्रीय राजधानी को पानी दे रहे हैं.

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हरियाणा के कृषि मंत्री कंवर पाल ने कहा कि वास्तव में, दिल्ली को अधिक पानी दिया जा रहा है, ताकि कमी न हो. लेकिन आरोप लगाना और हरियाणा पर अपने कुप्रबंधन का आरोप लगाना सही नहीं है. सिंचाई मंत्री अभे सिंह यादव ने भी दावा किया कि दिल्ली को अधिक पानी मिल रहा है. हरियाणा के विकास और पंचायत मंत्री महिपाल ढांडा ने कहा, 'केजरीवाल सरकार को अपनी विफलताओं का दोष दूसरों पर डालना बंद करना चाहिए, उसकी हर बार हमें दोष देने की आदत है,. हरियाणा अपने हिस्से से ज्यादा दे रहा है.'

​​​​​​ज्यादा पानी की मांग के लिए कोर्ट पहुंची दिल्ली सरकार

दिल्ली सरकार ने जल संकट से जूझ रही राष्ट्रीय राजधानी को अधिक पानी की आपूर्ति करने के लिए हरियाणा को निर्देश देने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है. सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. सूत्रों के मुताबिक, आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार ने शीर्ष अदालत से कहा कि भीषण गर्मी के कारण शहर में पानी की मांग काफी तेजी से बढ़ी है, ऐसे में पड़ोसी राज्य हरियाणा को एक महीने के लिए अतिरिक्त पानी छोड़ने का निर्देश दिया जाना चाहिए.

दिल्ली सरकार ने जल संकट से जूझ रही राष्ट्रीय राजधानी को अधिक पानी की आपूर्ति करने के लिए हरियाणा को निर्देश देने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है.

दिल्ली एलजी ने भी आप पर साधा निशाना

दिल्ली एलजी वीके सक्सेना ने कहा, मुझे बताया गया है कि हरियाणा और यूपी लगातार अपने निर्धारित कोटे का पानी दिल्ली को दे रहे हैं. इसके बावजूद, आज दिल्ली में पानी की भयंकर कमी बनी है. इसकी सबसे बड़ी वजह, जितने पानी का उत्पादन हो रहा है, उसके 54 प्रतिशत का कोई हिसाब ही नहीं है. 40 प्रतिशत पानी सप्लाई के दौरान पुरानी और जर्जर पाइप लाइन की वजह से बर्बाद हो जाता है.

पिछले दस सालों में दिल्ली सरकार द्वारा हजारों करोड़ रुपये खर्च किए जाने के बावजूद न तो पुरानी पाइपलाइनों की मरम्मत हुई, न ही उन्हें बदला जा सका, और न ही पर्याप्त नई पाइपलाइने डाली गईं. हद तो ये है, कि इसी पानी को चोरी करके टैंकर माफिया द्वारा गरीब जनता को बेचा जाता है. यह कितने दुर्भाग्य की बात है कि जहां एक तरफ दिल्ली के अमीर इलाकों में औसतन, प्रतिदिन प्रति व्यक्ति 550 लीटर पानी की सप्लाई की जा रही है, वहीं गांवों और कच्ची बस्तियों में रोजाना औसतन मात्र 15 लीटर प्रति व्यक्ति पानी की सप्लाई की जा रही है.

दिल्ली एलजी ने कहा कि राजधानी के अमीर इलाकों में औसतन, प्रतिदिन प्रति व्यक्ति 550 लीटर पानी की सप्लाई की जा रही है, वहीं गांवों और कच्ची बस्तियों में रोजाना औसतन मात्र 15 लीटर प्रति व्यक्ति पानी की सप्लाई की जा रही है.

महाराष्ट्र में भी पानी का संकट

महाराष्ट्र में जहां एक तरफ आसमान से आग बरस रही है तो दूसरी ओर जमीन पर लोग पानी के लिए तरस रहे हैं. राज्य का तीन चौथाई हिस्सा सूखे की मार झेल रहा है. कई जिलों में लोगों की जिंदगी टैंकर्स पर निर्भर है. सूखे ने लोगों की जेब पर भी चोट की है. लोगों के घरों के बाहर टंकियों की कतार है, तो कहीं पानी के टैंकर का इंतजार है. कहीं बाल्टी भर पानी के लिए चीख पुकार है तो कहीं झीलों को बारिश की दरकार है. कुछ ऐसी हालत है कि महाराष्ट्र के कई जिलों, गांव और कस्बों की है. लेकिनमहाराष्ट्र में चुनावी शोर के बीच भी एक कड़वी हकीकत को आवाज नही मिल सकी.

  • महाराष्ट्र में 70 फीसदी से ज्यादा हिस्सा सूखे की चपेट में
  • महाराष्ट्र में सूखे से राज्य के लगभग सभी इलाके प्रभावित 
  • चुनावी शोर में भी सूखे की समस्या का कहीं जिक्र नहीं

उत्तराखंड में भी जलसंकट गहराया

उत्तराखंड में गर्मी बढ़ने के साथ पीने के पानी का संकट बढ़ने लगा है..न केवल शहरी क्षेत्र में बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी इन दिनों पानी का भारी संकट है. कई क्षेत्रों में पानी के टैंकर से प्यास बुझाई जा रही है तो कही लोगों को पानी लेने जाना पड़ रहा है. चाहे देहरादून हो या उत्तराखंड का कोई और जिला सब जगह पानी की कमी चल रही है और पानी की ऐसी चीज है जिसे लेने के लिए कई लोग कई किलोमीटर दूर से आ रहे हैं.

देहरादून के नालापानी क्षेत्र में पानी के लिए लोगों ने लाइन लगा रखी है घरों में पानी नहीं आ रहा पानी की लाइन जो लगी है उनमें भी पानी नहीं है या फिर पानी के स्रोत ग्राउंडवाटर उनमें भी पानी की कमी हो गई है. लोगों को पानी लेने के लिए कई किलोमीटर दूर आना पड़ रहा है. गढ़वाल की 233 बस्तियों और कुमाऊं की 183 बस्तियों में जलसंकट है. 289 टैंकरों से पानी की सप्लाई की जा रही है. दो महीने बारिश न होने की वजह से पानी की ये किल्लत और बढ़ गई है. 

(भाषा और आईएएनएस इनपुट्स के साथ)

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