उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ पूरे सूबे में इस वक्त सबसे ज्यादा बुरी तरह से कोविड-19 से जूझ रही है. वहां बढ़ते मरीजों की और मौतों की संख्या को देखते हुए संक्रमण का खौफ इतना बढ़ गया है कि वहां के बड़े-बड़े बाजारों को व्यापार संगठन खुद ही बंद रखने का फैसला ले रहे हैं. सरकार की ओर से बाजारों में कर्फ्यू या लॉकडाउन लगाने की कोई घोषणा नहीं हुई है, लेकिन यहां मार्केट असोसिएशन्स ने इसके बावजूद बाजारों को बंद रखने का फैसला किया है. ऐसे में यह पहला मामला हो सकता है, जहां सरकार के आदेश के बिना व्यापार संगठन कोविड को देखते हुए खुद ही बाजार बंद रख रहे हैं.
उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल के अध्यक्ष ने कहा कि 'हालांकि शादियों का दौर चल रहा है और नवरात्रि और रमजान भी शुरू हो चुके हैं, मगर फिर भी हमने अपनी दुकानें बंद रखने का फैसला किया है क्योंकि कारोबार से ज्यादा जरूरी जिंदगी बचाना है. सरकार ने लॉकडाउन की घोषणा नहीं की है, ऐसे में हमारा फर्ज बनता है कि हम खुद आगे बढ़कर कोरोना की श्रृंखला को तोड़ें.'
लखनऊ के बड़े बाजारों में शटर गिरे
गुरुवारु को लखनऊ के भूतनाथ, अमीनाबाद और हजरतगंज जैसे बड़े बाजार लगभग बंद दिखाई दिए. ये बाजार शहर के सबसे व्यस्ततम बाजारों में से एक हैं. कई व्यापार संगठनों का कहना है कि कोविड को देखते हुए उन्होंने खुद स्थिति का संज्ञान लिया है और अगले कुछ दिनों के लिए बाजारों को बंद रखने का फैसला लिया है. संगठनों का लक्ष्य है कि बाजार न खोलकर भीड़ पर नियंत्रण पाया जा सके.
लखनऊ में कम करके बताए जा रहे कोरोना से मौतों के आंकड़े? श्मशान घाट और सरकार की संख्या में है फर्क
यहां आज हजरतगंज में भी दुकानें बंद दिखीं. यहां के ट्रेडर्स असोसिएशन के सदस्य विनोद पंजाबी ने बताया कि बाजार को फिलहाल रविवार तक बंद रखने का फैसला लिया गया है, उसके बाद फिर स्थिति का जायजा लेकर देखा जाएगा कि आगे क्या करना है.
यहां कुछ व्यापारियों ने धंधे में घाटे को लेकर चिंता जताई और कहा कि अगर असोसिएशन ने फैसला लेने से पहले थोड़ा और टाइम दिया होता तो अच्छा होता. हालांकि, ऐसे एक व्यापारी ने कहा कि वो उनके स्टाफ इस बार काफी डरे हुए हैं तो ऐसे में अगर दुकानें बंद रखकर कोविड पर कंट्रोल किया जा सकता है तो वो इसके लिए राजी हैं.
लखनऊ के एक दूसरे पारंपरिक बाजार अमीनाबाद में भी आज बाजार बंद दिखे. यहां पर अलग-अलग व्यापारिक संगठन जैसे झंडेवाला पार्क व्यापार मंडल, स्टेट बैंक व्यापार मंडल और दिलदार व्यापार मंडल वगैरह ने भी अपनी-अपनी दुकानें 15 से 21 अप्रैल तक बंद रखने का फैसला किया है. चौक और गोमती नगर सर्राफा एसोसिएशन भी 15 से 18 अप्रैल तक अपने सदस्य व्यापारियों की दुकानें बंद रखेंगे. लखनऊ इलेक्ट्रिक मरचेंट्स एसोसिएशन भी गुरुवार से एक हफ्ते तक अपनी दुकानें बंद रखेगा.
यूपी में बेकाबू होते कोरोना के बीच नाइट कर्फ्यू का वक्त बढ़ाया गया, बोर्ड परीक्षा स्थगित
वाराणसी में ही ऐसी कोशिश
वाराणसी में भी व्यापारियों को अपनी मर्जी से दुकानें बंद रखने के लिए अपील की जा रही है. पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश ने बताया कि गुरुवार को उन्होंने विभिन्न व्यापार संगठनों के पदाधिकारियों के साथ बैठक करके उनसे अपील की कि वे संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए आगे आएं और कुछ समय के लिए अपनी दुकानें बंद कर लें.
बता दें कि गुरुवार की दोपहर को आए एक नए आदेश में उत्तर प्रदेश के कई जिलों में पहले से लागू नाइट कर्फ्यू की अवधि को और बढ़ा दिया गया है. नए आदेश में कहा गया है कि जिन जिलों में 2,000 से ज्यादा एक्टिव मामले हैं, वहां पर रात 8 बजे से अगली सुबह 7 बजे तक नाइट कर्फ्यू लगा रहेगा. ऐसे जिलों में लखनऊ, प्रयागराज, वाराणसी, कानपुर, मेरठ, नोएडा और गाजियाबाद शामिल हैं.
(भाषा से इनपुट के साथ)
कोरोनावायरस से मौत के आंकड़े छुपा रही यूपी सरकार?