अमरनाथ यात्रा के दौरान भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) के जवान सुरक्षा ड्यूटी के साथ ही ऊंचाई वाले स्थानों पर जरूरतमंद यात्रियों को ऑक्सीजन देकर उनकी मदद कर रहे हैं. आईटीबीपी के अनुसार, 2 जुलाई तक, ITBP ने 50 से अधिक यात्रियों को ऑक्सीजन मुहैया करवाई गई, ऑक्सीजन की कमी की वजह से वे यात्री महसूस कर रहे थे. यात्रा मार्ग में शेषनाग (12324 फीट) से महागुन टॉप (14000 फीट) तक जाने वाले रास्ते पर आईटीबीपी के जवानों का आना-जाना लगा रहता है, जहां सांस फूलने और ऊंचाई पर प्रभाव के ऐसे मामले देखे जा रहे हैं.
आईटीबीपी के जवानों को ऐसे यात्रियों को देखते रहने के लिए कहा गया है जिनमें सांस फूलने और ऊंचाई में बीमारी के लक्षण दिखें. आईटीबीपी ने अपनी चिकित्सा सहायता प्रणाली को हाई अलर्ट पर रखा है, क्योंकि कुछ यात्रियों में अचानक ऐसे लक्षण दिखाई दे रहे हैं. ITBP के मेडिक्स ऑक्सीजन सिलेंडर के साथ हैं और जरूरतमंद तीर्थयात्रियों को ऑक्सीजन दे रहे हैं, उनका ब्लड प्रेशर भी चेक किया जाता है.
आईटीबीपी यात्रियों को जरूरत पड़ने पर प्राथमिक उपचार भी प्रदान कर रही है और उन यात्रियों को देखने के लिए क्षेत्रों में गश्त कर रही है जिन्हें किसी भी प्रकार की चिकित्सा सहायता की जरूरत है. आईटीबीपी के जवान घायलों को अस्पताल ले जा रहे हैं और स्ट्रेचर पर ले जाकर शेषनाग कैंप ले जा रहे हैं.
ITBP वर्षों से यात्रा के दौरान इस तरह की सहायता प्रदान करती रही है. 2019 में भी ITBP के जवानों को खतरनाक भूस्खलन संभावित क्षेत्रों को पार करने के लिए यात्रियों की सुविधा के लिए खतरनाक गिरते पत्थरों से बचाने के लिए ढाल की दीवार बनाते हुए देखा गया था और यात्रियों को उफनते नालों पर पुलों को सुरक्षित पर कराते हुए देखा गया था. आईटीबीपी ने उस वर्ष भी सैकड़ों जरूरतमंद यात्रियों को ऑक्सीजन मुहैया कराई थी.