कैसे कोर्ट में शाहरुख की एक दलील देकर अल्लू अर्जुन जेल से बाहर आए, जानिए इनसाइड स्टोरी

अल्लू अर्जुन को उनकी हाल में आई फिल्म ‘पुष्पा 2: द रूल’ के प्रीमियर के दौरान एक महिला की मौत के मामले में कल हैदराबाद पुलिस ने गिरफ्तार किया था और न्यायिक हिरासत के आदेश के बाद उन्हें कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच चंचलगुडा जेल भेज दिया गया था. हालांकि बाद में तेलंगाना उच्च न्यायालय ने उन्हें जमानत दे दी.

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न्यायिक हिरासत के आदेश के बाद अल्लू अर्जुन को चंचलगुडा जेल भेज गया था.
हैदराबाद:

पुष्पा 2 भगदड़ मामले में अंतरिम जमानत मिलने के बाद अभिनेता अल्लू अर्जुन जेल से बाहर आ गए हैं. एक रात जेल में बिताने के बाद आज सुबह हैदराबाद सेंट्रल जेल से उन्हें रिहा कर दिया गया है. अभिनेता अल्लू अर्जुन को तेलंगाना की एक निचली अदालत ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था. अभिनेता ने इस फैसले को तेलंगाना उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी. सुनवाई के दौरान तेलंगाना उच्च न्यायालय ने अल्लू अर्जुन को अंतरिम जमानत दे दी थी. हालांकि, एक्टर को रात जेल में बितानी पड़ी और आज सुबह उन्हें रिहाई मिली.

शाहरुख की दलील आई काम

उच्च न्यायालय में अल्लू अर्जुन के वकील ने उनकी जमानत के लिए कई सारे तर्क दिए. जिनमें से एक तर्क अभिनेता शाहरुख खान से जुड़े एक केस का था. दरअसल बॉलीवुड स्टार शाहरुख खान पर साल 2017 में उनकी फिल्म 'रईस' के प्रचार कार्यक्रम के दौरान भगदड़ में एक व्यक्ति की मौत का आरोप लगाया गया था. शाहरुख खान जब अपनी फिल्म 'रईस' का प्रमोशन करने गुजरात पहुंचे थे, तो भगदड़ मच गई थी. इस हादसे में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी. अल्लू अर्जुन के वकील ने इसी केस का जिक्र करते हुए कोर्ट से कहा कि गुजरात हाई कोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट ने शाहरुख खान को बरी कर दिया था. शाहरुख खान को उस घटना का जिम्मेदार नहीं माना गया था.  

क्या है पूरा मामला

  • चार दिसंबर की रात अभिनेता अल्लू अर्जुन की एक झलक पाने के लिए बड़ी संख्या में प्रशंसक संध्या थिएटर में उमड़ पड़े थे.

  • उसी दौरान भगदड़ मचने से 35 वर्षीय महिला रेवती की मौत हो गई थी.

  • उनका आठ वर्षीय बेटा घायल हो गया था.

  • कल हैदराबाद पुलिस ने अभिनेता को गिरफ्तार किया था.

  •  न्यायिक हिरासत के आदेश के बाद उन्हें कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच चंचलगुडा जेल भेज दिया गया था.

  • हालांकि बाद में तेलंगाना उच्च न्यायालय ने उन्हें जमानत दे दी थी.

'पहली मंजिल पर थे अभिनेता'

अर्जुन के वकील ने तर्क दिया कि थिएटर प्रबंधन ने अभिनेता के कार्यक्रम के बारे में पुलिस को पहले ही सूचित कर दिया था. सुरक्षा की मांग की गई थी. पुलिस को पता था कि अभिनेता वहां आ रहे हैं. अभिनेता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता एस निरंजन रेड्डी ने कहा कि किसी लोकप्रिय व्यक्ति पर तब तक अपराध का आरोप नहीं लगाया जा सकता, जब तक कि जानबूझकर और प्रत्यक्ष लापरवाही या चूक न हुई हो. उन्होंने यह भी तर्क दिया कि इस मामले में अभिनेता के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला लागू नहीं होगा.

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अल्लू अर्जुन के वकीलों ने हाईकोर्ट के निर्देशानुसार जेल अधीक्षक को 50,000 रुपये का निजी मुचलका जमा कराया. चार सप्ताह की अंतरिम जमानत देते हुए हाईकोर्ट ने पुलिस को जांच जारी रखने का निर्देश दिया था। साथ ही अभिनेता को जांच में सहयोग करने का भी निर्देश दिया था.

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