किसान नेता राकेश टिकैत बुधवार को महाराष्ट्र के नागपुर में बहुजन संघर्ष समिति द्वारा आयोजित किसान रैली में शामिल हुए. सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि 'दलित' कोई जाति समूह नहीं है, लेकिन गांवों में रहने वाले और खेतों में काम करने वाले सभी लोग दलित हैं. उन्होंने कहा कि खेतों में काम करने वाले सभी लोग 'बहुजन' हैं.
राकेश टिकैत ने कहा कि लोगों के अधिकारों, उनकी भूमि और उनके खेतों की रक्षा के लिए आने वाले सालों में आंदोलन और उनमें लोगों की भागीदारी महत्वपूर्ण होगी.
टिकैत ने आरोप लगाया कि देश की मौजूदा सरकार संविधान में विश्वास नहीं करती है. महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश में चुनी हुई सरकारें गिराई गईं.
नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि ऐसा लगा कि 'सरकार एक साजिशकर्ता थी'. उन्होंने किसी संगठन का नाम लिए बगैर कहा कि तिरंगे के अपमान के आरोप किसानों पर लगे हैं और ये सारी साजिशें नागपुर में रची गई हैं.
किसान नेता ने आरोप लगाया कि सिख समुदाय को खालिस्तानियों के रूप में चित्रित करने का भी प्रयास किया गया, लेकिन लोग समझ गए कि सच्चाई क्या है.