ब्रह्मपुत्र नदी पर चीन की बांध योजना पर क्या है भारत का रिएक्शन? मंत्री ने संसद में बताया

मंत्री ने कहा कि 2006 में स्थापित संस्थागत विशेषज्ञ स्तरीय कार्यतंत्र के साथ-साथ राजनयिक चैनलों के माध्यम से सीमा-पारीय नदियों से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर चीन के साथ विचार-विमर्श किया जाता है.

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पर्यावरण राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने बृहस्पतिवार को राज्यसभा में कहा कि भारत सरकार जल-विद्युत परियोजनाएं विकसित करने के लिए चीन द्वारा तैयार योजनाओं सहित ब्रह्मपुत्र नदी से संबंधित सभी विकासात्मक गतिविधियों पर सावधानीपूर्वक निगरानी रखती है और राष्ट्र के हितों की सुरक्षा के लिए आवश्यक उपाय करती है. कीर्तिवर्धन सिंह ने एक सवाल के लिखित जवाब में उच्च सदन को यह जानकारी दी.

उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने चीन द्वारा तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र में यारलुंग सांगपो (ब्रह्मपुत्र का ऊपरी हिस्सा) नदी पर अनुमोदित बृहत बांध परियोजना शुरू करने की घोषणा का संज्ञान लिया है. सरकार, जल-विद्युत परियोजनाएं विकसित करने के लिए चीन द्वारा तैयार की गई योजनाओं सहित ब्रह्मपुत्र नदी से संबंधित सभी विकासात्मक कार्यकलापों पर सावधानीपूर्वक निगरानी रखती है और राष्ट्र के हितों की सुरक्षा के लिए आवश्यक उपाय करती है.

मंत्री ने कहा कि 2006 में स्थापित संस्थागत विशेषज्ञ स्तरीय कार्यतंत्र के साथ-साथ राजनयिक चैनलों के माध्यम से सीमा-पारीय नदियों से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर चीन के साथ विचार-विमर्श किया जाता है.

उन्होंने कहा कि निचला तटवर्ती देश होने के नाते सरकार ने चीनी प्राधिकारियों को अपने विचारों और चिंताओं से निरंतर अवगत कराया है और उनसे यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया है कि उनके किसी भी कार्यकलाप से नीचे के देशों के हितों को क्षति नहीं पहुंचे.

सिंह ने कहा कि चीन द्वारा बृहत बांध परियोजना की हाल ही में घोषणा के तुरंत बाद सरकार ने नदी के निचले हिस्से में आने वाले देशों के साथ पारदर्शिता और परामर्श की आवश्यकता सहित चिंताओं के बारे में विस्तारपूर्वक चर्चा की है.

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