उत्तरी सीमा पर अलर्ट हैं, किसी भी चुनौती का सामना करने को तैयार : सेनाप्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे

सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने मंगलवार को सालाना प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि उत्तरी सीमा पर अलर्ट हैं, किसी भी चुनौती का सामना करने को तैयार हैं.

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नई दिल्ली:

सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने मंगलवार को सालाना प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि उत्तरी सीमा पर अलर्ट हैं, किसी भी चुनौती का सामना करने को तैयार हैं. उन्होंने कहा कि पश्चिमी सीमा पर पाकिस्तान पहले वाली हरकतें कर रहा है, लेकिन हमने साफ-साफ कहा है कि यह हम बर्दाश्त नही करेंगे. उत्तरी सीमा पर हम अलर्ट हैं, और किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार हैं. आठ राउंड की बातचीत हो चुकी है, और अब नौवें राउंड की होगी. मामला बातचीत से हल होगा, लेकिन हम किसी भी हालत के लिए तैयार हैं. उत्तरी सीमा और COVID-19 के चलते यह पूरा साल चुनौतियों से भरा रहा है. हमने दोनों का सामना किया, कम नोटिस पर सेना को ज़रूरत के मुताबिक तैनात किया, और सभी राज्यों और लोगों की मदद की. क्वारैंटाइन कैम्प बनाए.

साथ ही उन्होंने कहा कि भविष्य की चुनौती का सामना करने के लिए सेना में बदलाव किए जा रहे हैं, और तकनीक पर फोकस किया जा रहा है. सेना का आधुनिककरण करने की कोशिश जारी है, जिसके लिए ज़रूरी बजट भी मिला है. हमारी ऑपरेशनल तैयारी काफी है, और जवानों का मनोबल काफी ऊंचा है. पहले की तुलना में हमारी क्षमता भी काफी बढ़ी है, तथा ठंड से बचने के उपाय किए गए हैं.

सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे कहा कि हमारे बॉर्डर पर जहां भी खतरा है उसकी लगातार समीक्षा करते रहते है. उसके मुताबिक तैनाती करते है. इनपुट के आधार ओर नीति बनाते हैं इसमे कोई राय नहीं है कि चीन और पाकिस्तान से खतरा है. आर्मी प्रमुख के अनुसार हर साल चीन की सेना ट्रेनिंग के लिए आगे आते है फिर बाद में वो चले जाते है. हालांकि विवाद वाली जगह कोई भी पीछे नही हटा है. उन्होंने कहा कि पूर्वी लद्दाख के हालात में कोई बदलाव नही आया है. आपसी विश्वास से बातचीत के जरिये ही मामला सुलझेगा तभी फॉरवर्ड एरिया से सेना पीछे हटेगी. 

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प्रेस कांफ्रेंस के दौरान सेना प्रमुख नरवणे ने कहा कि हमारे पास खबर थी कि चीनी किन किन इलाकों में मौजूद थे. अचानक कोई हरकत करेगा तो उसका अंदाज़ा नहीं लगा सकता. फर्स्ट मूवर एडवांटेज उनके साथ था. अगस्त में जैसे हमारे पास था. उन्होंने कहा कि सरकार से यही निर्देश हैं कि सर्दी हो या गर्मी हम पजेशन पर डटे रहेंगे. बातचीत के आधार पर फैसला लिया जाएगा. बकौल नरवणे मुझे विश्वास है कि संवाद के ज़रिए हम अपना लक्ष्य हासिल कर पाएंगे. ऊंचे जगहों में ढांचा सुविधा बढ़ाए हैं. कोल्ड इंजुरी कम हुई है. हमने पहले से तैयारी कर रखी थी. 

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उन्होंने बताया कि  मिलिट्री विजिट से आपसी रिश्ते मजबूत होते है. यूएई और दक्षिण कोरिया के देशों चीफ गए थे, पूर्वी लद्दाख में हालात में कोई बदलाव नही आया है. दूसरे इलाके में भी निगरानी रखे हुए है. इन इलाकों में भी चीन ने एरिया में ढांचे बनाये है. उन्होंने कहा कि पूरे मामले पर हमारी नजर है.

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