पाकिस्तान के करतारपुर साहिब में दावत के दौरान परोसी गई शराब और मांस : DSGMC का दावा

दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के महासचिव जगदीप सिंह कहलों ने आरोप लगाया है कि पाकिस्तान स्थित करतारपुर साहिब गुरुद्वारे के परिसर में आयोजित एक दावत के दौरान शराब और मांस परोसा गया, जो सिख समुदाय की मान्यताओं के ख़िलाफ़ है.

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करतारपुर:

भौंचक्का कर देने वाली एक घटना में पाकिस्तान स्थित करतारपुर साहिब गुरुद्वारे के परिसर में कथित तौर पर एक दावत आयोजित की गई, जिससे धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं. दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के महासचिव जगदीप सिंह कहलों ने आरोप लगाया है कि दावत के दौरान शराब और मांस परोसा गया, जो सिख समुदाय की मान्यताओं के ख़िलाफ़ है.

उन्होंने घटना की कड़ी निंदा करते हुए पाकिस्तान सरकार से इसके लिए उत्तरदायी लोगों के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने का आग्रह किया है.

कहलों ने माइक्रो-ब्लॉगिंग वेबसाइट X (अतीत में ट्विटर) पर पोस्ट किया, "अस्वीकार्य...! मैं गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहिब के पवित्र परिसर के भीतर हुई अपवित्रता की घटना की कड़ी निंदा करता हूं, जहां शराब और मांस के साथ दावत का आयोजन किया गया... @GovtofPakistan को सभी ज़िम्मेदार लोगों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए..."

वर्ष 2021 में भी एक मिलती-जुलती घटना में गुरुद्वारा परिसर के भीतर एक पाकिस्तानी मॉडल की नंगे सिर वाली तस्वीरों की सोशल मीडिया पर व्यापक आलोचना हुई थी.

'खालसा वॉक्स' की ख़बर के मुताबिक, घटना पर चिंता जताते हुए शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी और दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (DSGMC) अध्यक्ष हरमीत सिंह कालका ने वीडियो तथा उसके संभावित प्रभावों को गंभीरता से लिया है.

SGPC अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने ज़ोर देकर कहा कि यदि कार्यक्रम गुरुद्वारा करतारपुर साहिब परिसर के भीतर हुआ है, तो यह 'मर्यादा' और सिख भावनाओं का उल्लंघन है, विशेषकर ऐसे स्थान पर, जो गुरु नानक देव से करीबी से जुड़ा है.

उन्होंने निराशा जताते हुए कहा, "अधिकारियों को इस तरह के कृत्य में शामिल होने से बचना चाहिए था, क्योंकि इससे दुनियाभर में बसे सिख समुदाय की भावनाएं आहत होंगी..."

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DSGMC के प्रवक्ता मनजीत सिंह भोमा ने कार्यक्रम के गुरुद्वारा करतारपुर परिसर के अभिन्न अंग PMU कार्यालय के पास होने की बात ज़ोर देकर कही और आयोजकों से सार्वजनिक माफ़ी की मांग की.

इस घटना ने सिख 'रहत मर्यादा' का कड़ाई से पालन करने और धार्मिक स्थलों के प्रबंधन के ज़िम्मेदार होने की ज़रूरत के बारे में चिंताओं को एक बार फिर जगा दिया है.

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'खालसा वॉक्स' की रिपोर्ट के मुताबिक, गुरुद्वारा करतारपुर साहिब दुनियाभर में बसे सिखों के लिए बहुत अहम है, और किसी भी कथित अनादर के कारण सिख समुदाय की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की जाएगी.

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