"BJP घबराई हुई है, इसलिए..." : कन्नौज से परचा भरने के बाद NDTV से बोले अखिलेश यादव

सपा नेता अखिलेश ने नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद कहा कि कन्नौज में सपा के सभी नेताओं, कार्यकर्ताओं और आम जनता की यह ख्वाहिश थी कि वह इस सीट से चुनाव लड़ें. उम्मीद है कि जनता एक बार फिर उन्हें आशीर्वाद देगी.

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अखिलेश यादव ( फाइल फोटो )

समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आज कन्नौज लोकसभा सीट से अपना नामांकन पत्र दाखिल किया. इस दौरान उन्होंने लोगों से भाजपा को ‘क्लीन बोल्ड' करने की अपील की. बड़ी संख्या में समर्थकों के साथ कचहरी पहुंचे अखिलेश ने कन्नौज से नामांकन पत्र दाखिल किया. इस दौरान उनके साथ सपा के वरिष्ठ नेता राम गोपाल यादव एवं अन्य नेता भी मौजूद रहे. समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आज कन्नौज लोकसभा सीट से नामांकन करने के बाद एनडीटीवी से एक्सक्लूसिव बातचीत की.

पीएम मोदी की मंगलसूत्र वाली टिप्पणी पर क्या बोले अखिलेश यादव

एनडीटीवी संग बातचीत में अखिलेश ने कहा कि हम राजनीतिक लोग हैं, हमारे कार्यकर्ता और जनता क्या चाहती है, हमने उनके इमोशंस के आधार पर फ़ैसला किया है. चुनाव में मंगलसूत्र के मामले में अखिलेश ने कहा कि देश की जनता संविधान की बात करना चाहती है लेकिन बीजेपी ध्यान भटकाने के लिए ऐसे मुद्दे उछाल रही है. आज किसान, बेरोज़गारी और महंगाई के मुद्दे पर चुनाव लड़ रहे हैं. बीजेपी ने अस्पताल, दवाई, एम्स जैसी ज़रूरतों पर काम नहीं किया. इसलिए अब ध्यान भटकाना चाहते हैं. बीजेपी आज घबराई हुई है इसलिए इधर उधर की बात कर रही है.

अखिलेश ने राजनीति में परिवारवाद पर खुलकर की बात

परिवारवाद के आरोपों पर अखिलेश ने कहा कि बीजेपी बड़े शिक्षा संस्थानों में पीडीए के आंकड़े नहीं बता सकती. जहां तक परिवार की बात रही उन्हें किसने रोका है, उनके परिवार को बढ़ाने से. कौन ऐसा है जो अपने परिवार को बढ़ाना नहीं चाहता. बीजेपी के लोग भी परिवार बढ़ाने का काम कर रहे हैं. राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को चुनाव लड़ना चाहिए? इस सवाल पर अखिलेश यादव ने कहा कि हम किसी को सुझाव नहीं देंगे. लेकिन अगर देना भी हुआ तो व्यक्तिगत तौर पर बात करके दे देंगे. 

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लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए अखिलेश ने कन्नौज को क्यों चुना ?

इसके साथ ही अखिलेश ने कहा कि मैंने बहुत दिनों से कन्नौज में चुनाव नहीं लड़ा था, इसलिए मैं कन्नौज आ गया. तब अमर सिंह और रामगोपाल चाचा ने नामांकन करवाया था, उस चुनाव में बीएसपी तब बीजेपी से मिल गए थे, तब अकबर अहमद डंपी बीएसपी से लड़ रहे थे. तब जनता ने चुना था, यहीं से चल कर राजनीति सीखी. लोहिया जी यहां से थे. नेता जी यहां से थे, डिंपल को जिताया. बीजेपी कितने भी हथकंडे अपना से लेकिन विकास ही जीतता है. अखिलेश ने साफ़ किया कि चुनाव जीतकर वो फ़िलहाल केंद्र की राजनीति करेंगे और विधानसभा चुनाव में फिर चुनाव लड़ेंगे. 

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