पश्चिम बंगाल विधानसभा नतीजों के रुझानों में टीएमसी ने 200 का आंकड़ा पार कर लिया है. वहीं खबर लिखे जाने तक बीजेपी 90 भी नहीं पहुंच पाई है. अपनी सारी ताकत झोंकने के बावजूद बीजेपी पश्चिम बंगाल में सरकार बनाती नहीं दिख रही. अब तक के रुझान यही कह रहे हैैं. कोरोना महामारी के दौरान पश्चिम बंगाल में 8 चरणों में हुए मतदान भी बीजेपी को लाभ नहीं पहुंचा पाए. इस पूरे मामले पर यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ट्वीट किया है. उन्होंने कहा है कि प. बंगाल में भाजपा की नफ़रत की राजनीति को हराने वाली जागरूक जनता, जुझारू सुश्री ममता बनर्जी जी व टीएमसी के समर्पित नेताओं व कार्यकर्ताओं को हार्दिक बधाई! ये भाजपाइयों के एक महिला पर किए गए अपमानजनक कटाक्ष ‘दीदी ओ दीदी' का जनता द्वारा दिया गया मुंहतोड़ जवाब है.
रुझानों में टीएमसी के 200 पार के आंकड़े को लेकर जहां राजनीतिक जगत से प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गई हैं, वहीं चुनावी विश्लेषकों भी हार के कई कारण बता रहे हैं. ममता बनर्जी पर पीएम मोदी, अमित शाह जैसे बड़े केंद्रीय नेताओं का सीधा हमला भी उनके लिए सहानुभूति का काम कर गया. दीदी ओ दीदी, दो मई-दीदी गईं, दीदी की स्कूटी नंदीग्राम में गिर गई जैसे बयान बीजेपी पर उल्टे पड़े दिखाई दिए. बंगाल बीजेपी अध्यक्ष दिलीप घोष का बरमूडा वाला बयान भी महिलाओं के बीच अच्छा संदेश नहीं गया. विक्टिम कार्ड को भुनाने में टीएमसी ने कोई कसर नहीं छोड़ी. जिस तरह दिल्ली चुनाव में अरविंद केजरीवाल के लिए सहानुभूति कार्ड काम किया था, वही बंगाल में में ममता के पक्ष में नजर आया. कोरोना के बढ़ते मामलों के बावजूद चुनाव आयोग द्वारा 8 चऱणों में चुनाव कराना, अर्धसैनिक बलों की गोलीबारी में 5 लोगों की मौत, अधिकारियों के तबादलों से ऐसा संकेत गया कि केंद्रीय एजेंसियां चुनाव में ज्यादा दखल दे रही हैं.
खैर रुझानों के बाद टीएमसी में जश्न का माहौल है. कार्यकर्ता कोलकाता में जश्न भी मनाते दिखे, जिसके बाद चुनाव आयोग ने मुख्य सचिवों से तत्काल कार्रवाई की बात कही. बता दें कि पश्चिम बंगाल में विधानसभा की 294 सीटें हैं लेकिन प्रत्याशियों की मौत की वजह से शमशेरगंज और जांगीपुर सीट पर चुनाव नहीं हुए हैं.