रेप के आरोपी यूपी के मंत्री गायत्री प्रजापति के विदेश भागने की आशंका, हवाईअड्डों पर अलर्ट

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नई दिल्‍ली: रेप के आरोपों का सामना कर रहे उत्तर प्रदेश के मंत्री गायत्री प्रजापति के गिरफ्तारी से बचने के लिए विदेश भागने की आशंक के बीच देशभर के हवाईअड्डों पर अलर्ट जारी किया गया है. खुफिया एजेंसियों को सूचना मिली है कि प्रजापति देश छोड़ कर भागने की फिराक में हैं. सभी सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट कर दिया गया है और नजर रखने को कहा गया है. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि 49 वर्षीय प्रजापति को देश छोड़कर जाने से रोकने के लिए उनके खिलाफ जल्द ही लेटर ऑफ कैंसेलेशन (एलसी) खोला जाएगा। इसके अलावा सभी हवाईअड्डों को भी अलर्ट पर रखा गया है. लेटर ऑफ कैंसेलेशन एक तकनीकी शब्द है. इसका इस्तेमाल किसी भी संदिग्ध के देश छोड़ने के संभावित प्रयास के प्रति आव्रजन अधिकारियों को सचेत करना होता है. जब भी संदिग्ध का पासपोर्ट बाहर जाने के किसी भी स्थान पर आव्रजन मंजूरी के लिए आता है तो कंप्यूटर की स्क्रीन पर चेतावनी जारी होती है कि अधिकारी उस व्यक्ति को आगे नहीं जाने दे.

उत्तर प्रदेश की नेपाल से लगने वाली सीमा की सुरक्षा करने वाले सशस्त्र सीमा बल को भी अलर्ट किया गया है. उत्तर प्रदेश पुलिस ने सपा के नेता के खिलाफ कथित सामूहिक बलात्कार और अपने साथियों के साथ मिलकर पीड़िता की बेटी का उत्पीड़न करने के मामले में प्राथमिकी दर्ज की है. प्राथमिकी उच्चतम न्यायालय के निर्देश के बाद दर्ज की गई.

दरअसल गायत्री प्रजापति की गिरफ़्तारी होती है तो भी और नहीं भी होती है तो भी अखिलेश सरकार के लिए ये एक बड़ा सिरदर्द ज़रूर बन गई है, क्योंकि यूपी में दो चरणों की वोटिंग बाकी है ऐसे में विपक्ष के हाथ ये बड़ा मुद्दा ज़रूर है. वहीं आखिर गायत्री प्रजापति को इस बार टिकट देना अखिलेश की क्या कोई मजबूरी थी. इस मुद्दे पर वॉक द टॉक में अखिलेश यादव से वरिष्ठ पत्रकार शेखर गुप्ता ने बात की. अखिलेश यादव ने कहा कि यूपी सरकार जांच में सहयोग कर रही है. मैं भी चाहता हूं कि सच्चाई सामने आए. कई बार कुछ परिस्थितियों में टिकट देना मजबूरी होती है. मैंने पार्टी को साफ सुथरा रखने की कोशिश की है. मैं तो यही कहूंगा कि वे सामने आएं और सच को सामने रखें.

उधर, यूपी पुलिस ने 16 साल की एक लड़की का एम्स में बयान दर्ज किया, जिसका यौन उत्पीड़न किया गया और उसकी मां से उत्तर प्रदेश के मंत्री गायत्री प्रजापति और उसके सहयोगियों ने कथित तौर पर कई बार सामूहिक बलात्कार किया था. लड़की के परिवार और उनके वकील के विरोध के बावजूद उसका बयान दर्ज किया गया. वकील ने राज्य पुलिस पर धमकी देने और जबरदस्ती बयान दर्ज करने का आरोप लगाया है. लड़की को अस्पताल के एक प्रतिबंधित वार्ड में भर्ती किया गया है. पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) अमीता सिंह ने अस्पताल के मेडिकल अधीक्षक से इजाजत लेने के बाद पीड़िता का बयान दर्ज किया. उन्होंने पीड़िता की मां से भी बात की.

(इनपुट भाषा से...)
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