नई दिल्ली: जिस एयरलाइन के विमान का इस्तेमाल कथित तौर पर 'मानव तस्करी' के लिए किया गया था और उसे फ्रांस में रोक दिया गया था, उसके वकील ने दावा किया है कि अधिकांश यात्रियों के पास वापसी के टिकट थे. वकील का कहना है कि ज्यादातर यात्रियों के पास निकारागुआ से होटल बुकिंग और वापसी टिकट थे. हालांकि, अधिकारियों ने कहा है कि विमान के 303 यात्रियों में से 299 भारतीय थे और विमान को एक गुप्त सूचना के बाद रोक दिया गया था कि उड़ान भरने वाले यात्रियों के मानव तस्करी का शिकार होने की संभावना थी.
एएफपी को बताया था कि विमान व्यक्तियों को संयुक्त राज्य अमेरिका में तस्करी करने की कोशिश करने वाले एक अपराध सिंडिकेट से जुड़ा हो सकता है. मध्य अमेरिकी देश निकारागुआ में अवैध रूप से अमेरिका में प्रवेश करने की कोशिश करने वाले भारतीयों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है.
मंगलवार को एनडीटीवी से बात करते हुए, रोमानिया स्थित एयरलाइंस के वकील लिलियाना बकायोको ने कहा, "मैं कंपनी का वकील हूं. न्यायाधीश के समक्ष यात्रियों का बचाव करने वाले मेरे सहयोगियों ने मीडिया को बताया कि जिन यात्रियों का उन्होंने बचाव किया था, वे सभी वापस आ गए हैं." उनके पास होटल की बुकिंग और वापसी टिकट थे.
जब उन्हें बताया गया कि, उपलब्ध जानकारी के अनुसार, 303 यात्रियों में से केवल 12 के पास वापसी का टिकट था, तो सुश्री बाकायोको ने कहा, "कंपनी के हवाई जहाज को एक ग्राहक द्वारा किराए पर लिया गया था, जो एक विदेशी कंपनी है, ऐसी उड़ानें करने के लिए. फ़्रांस में मेरे सहकर्मियों के अनुसार, उन्होंने जिन भी यात्रियों का बचाव किया, उनमें से लगभग सभी के पास वापसी टिकट और होटल आरक्षण थे. लेकिन यह सच है कि न्यायाधीश ने केवल तीन यात्रियों की बात सुनी."
दरअसल, पेरिस के पास एक हवाई अड्डे पर फ्रांसीसी अधिकारियों द्वारा ‘मानव तस्करी' के संदेह में भारतीय यात्रियों वाले विमान को हिरासत में लिया गया था. जानकारी के मुताबिक चार दिन बाद एक रोमानियाई विमान सोमवार को 276 यात्रियों को लेकर भारत (Flight Grounded In France Lands In Mumbai) के लिए रवाना हुआ था, जो कि मंगलवार तड़के मुंबई में लैंड हुआ. इस विमान में 276 यात्री सवार थे. एक अधिकारी ने कहा, विमान, एयरबस ए340, सुबह 4 बजे के करीब मुंबई में लैंड हुआ. इस विमान ने स्थानीय समयानुसार दोपहर करीब 2.30 बजे पेरिस के पास वैट्री हवाई अड्डे से उड़ान भरी थी.