दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 400 के पार, केंद्र सरकार ने सख्त पाबंदी पर रोक का लिया फैसला

आईएमडी और आईआईटीएम के वायु गुणवत्ता में सुधार के पूर्वानुमानों के अनुसार, उप-समिति ने सर्वसम्मति से जीआरएपी के तीसरे चरण को लागू करने से पहले एक या उससे अधिक दिन तक स्थिति पर नजर रखने का निर्णय लिया.

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प्रतीकात्मक तस्वीर

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने बिगड़ती वायु गुणवत्ता के बीच बुधवार को दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए सख्त उपायों के कार्यान्वयन को रोकने का फैसला किया है क्योंकि वायु गुणवत्ता की स्थिति में सुधार हो सकता है. राष्ट्रीय राजधानी का 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) बुधवार को 400 से अधिक हो गया. इस आंकड़े को पार करते ही अधिकारियों को केंद्र सरकार की वायु प्रदूषण नियंत्रण योजना के तीसरे चरण के तहत सख्त प्रतिबंध लागू करने की आवश्यकता होती है जिसे चरणबद्ध प्रतिक्रिया कार्य योजना (जीआरएपी) कहा जाता है.

एक बयान में बताया गया, 'जीआरएपी के संचालन के लिए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) उप-समिति ने आज बैठक की और वायु गुणवत्ता की स्थिति और भारत मौसम विज्ञान विभाग(आईएमडी) और भारतीय उष्णदेशीय मौसम विज्ञान संस्थान(आईआईटीएम) द्वारा अनुमानित वायु गुणवत्ता सूचकांक और मौसम संबंधी पूर्वानुमान का जायजा लिया.''

आईएमडी और आईआईटीएम के वायु गुणवत्ता में सुधार के पूर्वानुमानों के अनुसार, उप-समिति ने सर्वसम्मति से जीआरएपी के तीसरे चरण को लागू करने से पहले एक या उससे अधिक दिन तक स्थिति पर नजर रखने का निर्णय लिया.

बयान के मुताबिक, वायु गुणवत्ता को हालांकि ‘गंभीर' श्रेणी में जाने से रोकने के लिए पहले चरण से दूसरे चरण के तहत कार्रवाई प्रभावी रहेंगी. तीसरे चरण के प्रतिबंधों में दिल्ली-एनसीआर में गैर-आवश्यक निर्माण कार्य और क्षेत्र में बीएस-तीन पेट्रोल और बीएस-चार डीजल चार पहिया वाहनों के संचालन पर प्रतिबंध शामिल है.

राष्ट्रीय सुरक्षा या रक्षा से संबंधित निर्माण कार्य, राष्ट्रीय महत्व की परियोजनाएं, स्वास्थ्य सेवा, रेलवे, मेट्रो रेल, हवाई अड्डे, अंतरराज्यीय बस टर्मिनल, राजमार्ग, सड़कें, फ्लाईओवर, बिजली पारेषण, पाइपलाइन, स्वच्छता और जल आपूर्ति को प्रतिबंध से छूट दी गई थी. जीआरएपी केंद्र की वायु प्रदूषण नियंत्रण योजना है जो सर्दियों के मौसम के दौरान क्षेत्र में लागू की जाती है.

इसमें कार्यों को वायु गुणवत्ता के आधार पर चार चरणों में वर्गीकृत किया गया है : चरण 1 - 'खराब' (वायु गुणवत्ता सूचकांक 201-300), चरण 2 - 'बहुत खराब' (एक्यूआई 301-400), चरण 3 - 'गंभीर' (एक्यूआई 401-450); और चरण 4 - 'गंभीर प्लस' (जब एक्यूआई 450 से अधिक हो).
 

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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