दिल्ली में वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ श्रेणी में, तेज हवाएं चलने से रविवार के बाद राहत की उम्मीद

राष्ट्रीय राजधानी में गुरुवार को पिछले 24 घंटे के दौरान औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) (AQI) 347 दर्ज किया गया जो बुधवार के एक्यूआई 375 से कम है.

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प्रदूषण से निपटने के लिए दिल्ली सरकार ने दिशा-निर्देश जारी किये
नई दिल्ली :

दिल्ली में गुरुवार को वायु गुणवत्ता (Air quality index) ‘‘बेहद खराब'' श्रेणी में दर्ज की गई और तेज हवाएं चलने से रविवार के बाद प्रदूषण (Pollution) के उच्च स्तर से थोड़ी राहत मिलने की संभावना है. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. राष्ट्रीय राजधानी में गुरुवार को पिछले 24 घंटे के दौरान औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) (AQI)347 दर्ज किया गया जो बुधवार के एक्यूआई 375 से कम है. राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के फरीदाबाद (349), गाजियाबाद (360), ग्रेटर नोएडा (308), गुरुग्राम (323) और नोएडा (336) में भी हवा की गुणवत्ता ‘बेहद खराब' श्रेणी में दर्ज की गई. दिल्ली के लिए केंद्र सरकार की वायु गुणवत्ता पूर्व चेतावनी प्रणाली ने बताया, ‘‘अपेक्षाकृत तेज हवाओं के चलने से 21 नवंबर के बाद हवा की गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार होने की संभावना है और वायु गुणवत्ता के सुधरकर ‘खराब श्रेणी' में पहुंचने की संभावना है. वायु प्रदूषण में पीएम 2.5 प्रमुख प्रदूषक तत्व है.''

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वायु गुणवत्ता की निगरानी करने वाले पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय (Ministry of Earth Sciences) के ‘सफर' के अनुसार पड़ोसी क्षेत्रों में 773 खेतों में पराली जलाने की घटनाओं का गुरुवार को दिल्ली के पीएम 2.5 प्रदूषण में योगदान दो प्रतिशत रहा. पराली जलाने का योगदान ‘‘नगण्य'' है क्योंकि पूरवा हवाएं चलने से प्रदूषक तत्वों का बिखराव नहीं हो रहा है. इससे पहले दिन में दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने केंद्र में अपने समकक्ष भूपेंद्र यादव से संयुक्त बैठक बुलाने और दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए एक कार्य योजना तैयार करने का आग्रह किया. राय ने केंद्र सरकार द्वारा संचालित निकाय भारतीय उष्णदेशीय मौसम विज्ञान संस्थान (आईआईटीएम) के एक अध्ययन का भी हवाला दिया, जिसमें 24 अक्टूबर से आठ नवंबर के बीच दिल्ली के वायु प्रदूषण में बाहरी स्रोतों का योगदान 69 प्रतिशत था. 

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उन्होंने कहा कि 2016 में टेरी द्वारा इसी तरह के एक अध्ययन से पता चला था कि 64 प्रतिशत प्रदूषण बाहरी स्रोतों के कारण होता है और 36 प्रतिशत प्रदूषण दिल्ली के आंतरिक स्रोत के कारण होता है. प्रदूषण से निपटने के लिए दिल्ली सरकार ने बुधवार को 10 दिशा-निर्देश जारी किए, जिसमें शहर में गैर जरूरी सामान ले जाने वाले ट्रकों के प्रवेश पर प्रतिबंध और अगले आदेश तक स्कूल कॉलेजों को बंद करना शामिल है. दिल्ली सरकार ने 21 नवंबर तक शहर में निर्माण कार्य और तोड़फोड़ की गतिविधियों पर रोक लगा दी है. दिल्ली सरकार ने अपने कर्मचारियों को रविवार तक घर से काम करने का भी निर्देश दिया है. दिल्ली सरकार ने पहले रविवार तक सभी स्कूल, कॉलेजों और शैक्षणिक संस्थानों को बंद करने की घोषणा की थी और 17 नवंबर तक निर्माण और तोड़फोड़ की गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाया था.  राय ने कहा कि सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को मजबूत करने के लिए 1000 निजी सीएनजी बसों को किराए पर लिया जाएगा.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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