वायु सेना प्रमुख (Chief of Air Staff) एयर चीफ मार्शल आर के एस भदौरिया (RKS Bhadauria) ने शुक्रवार को कहा कि किसी भी एकीकृत युद्ध अभियान में वायु शक्ति की बहुत बड़ी भूमिका होती है. वायु शक्ति पर एयर चीफ मार्शल भदौरिया की टिप्पणी तब आई जब चीफ ऑफ डिफेन्स स्टाफ जनरल बिपिन रावत ने भारतीय वायु सेना (IAF) के वायु रक्षा चार्टर के साथ-साथ जमीनी बलों के लिए सहायक शाखा के रूप में इसकी भूमिका के बारे में बात की.
पूर्वी लद्दाख की स्थिति का उल्लेख करते हुए, वायुसेना प्रमुख ने कहा कि चीन ने पिछले कुछ महीनों में अपने बुनियादी ढांचे को मजबूत किया है, हालांकि दोनों पक्षों ने पेंगोंग सो क्षेत्र से सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया को अंजाम दिया है.
भारतीय वायुसेना की भूमिका के बारे में विस्तार से बताते हुए, जनरल रावत ने इसकी वायु रक्षा भूमिका के बारे में बात की और कहा कि थिएटर कमान में से एक देश में हवाई क्षेत्र के समग्र प्रबंधन को देखेगी. थिंक-टैंक ‘ग्लोबल काउंटर-टेररिज्म काउंसिल (जीसीटीसी)' द्वारा आयोजित एक सम्मेलन में जनरल रावत और एयर चीफ मार्शल भदौरिया अलग-अलग एक सत्र को संबोधित कर रहे थे.
जनरल रावत की टिप्पणियों के बारे में पूछे जाने पर, एयर चीफ मार्शल ने कहा, ‘‘यह अकेले सहायक भूमिका नहीं है. किसी भी एकीकृत युद्ध भूमिका में वायु शक्ति की बहुत बड़ी भूमिका होती है.'' उन्होंने कहा कि भारतीय वायुसेना एकीकृत थिएटर कमान की प्रस्तावित स्थापना के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है. योजना के अनुसार, थिएटर कमान में सेना, नौसेना और वायु सेना की इकाइयां होंगी और ये सभी एक ऑपरेशन कमांडर के तहत एक निर्दिष्ट भौगोलिक क्षेत्र में सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के वास्ते एक इकाई के रूप में काम करेंगी.
वर्तमान में थल सेना, नौसेना और वायुसेना के पास अलग-अलग कमान हैं. पूर्वी लद्दाख की स्थिति के बारे में पूछे जाने पर भदौरिया ने कहा कि चीनी पक्ष ने इस क्षेत्र में अपने बुनियादी ढांचे को बढ़ाया है. उन्होंने कहा, ‘‘प्रारंभ में सैनिकों के पीछे हटने के बाद, जो हुआ है, आभासी प्रकार की यथास्थिति है. भारतीय वायु सेना क्षेत्र में स्थिति पर करीबी नजर रखे हुए है.''
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