ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम (Greater Hyderabad Municipal Corporation) यानी GHMC चुनाव 2020 के नतीजों ने भले ही टीआरएस और एआईएमआईएम गठबंधन को वापस निगम की सत्ता में काबिज रखा है, लेकिन इन परिणामों को दोनों ही दलों लिए आने वाले विधानसभा चुनाव से जुड़ी एक कड़ी चेतावनी माना जा सकता है. 150 सीटों पर बैलेट पेपर से हुई वोटिंग के नतीजे शुक्रवार रात तक आए. तेलंगाना राज्य निर्वाचन आयोग की वेबसाइट के अनुसार खबर लिखे जाने तक 149 सीटों आंकड़ों में टीआरएस 55, बीजेपी 48 और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) 44 सीटों पर जीत दर्ज कर चुकी है. जबकि कांग्रेस को 2 सीटें मिली हैं.
बता दें कि हैदराबाद नगर निकाय का पिछला चुनाव फरवरी, 2016 में हुआ था. उस वक्त सत्तारूढ़ TRS को 99 सीटें, AIMIM को 44 और BJP को 4 सीटें मिली थी. कांग्रेस ने दो और तेलुगु देशम पार्टी ने एक सीट पर जीत हासिल की थी. यानि पिछले चुनाव की तुलना में कांग्रेस और ओवैसी की पार्टी का प्रदर्शन वैसा ही रहा है. दोनों ही दलों को ना नकुसान हुआ ना फायदा. इस बार नुकसान टीआरएस को हुआ है. बीजेपी ने उसी के वोटबैंक में सेंधमारी की है.
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AIMIM अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी हैदराबाद में कहा, "हमने हैदराबाद ग्रेटर हैदराबाद म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन (जीएचएमसी) चुनाव में 44 सीटों पर जीत हासिल की है. मैंने सभी नवनिर्वाचित नगरसेवकों से बात की है और उन्हें कल से ही अपना काम शुरू करने के लिए कहा है."
राज्य की सत्ता धारी टीआरएस के खराब प्रदर्शन पर बोलते हुए ओवैसी ने कहा कि केसीआर को नतीजों को समीक्षा करनी चाहिए. एएनआई से बात करते हुए ओवैसी ने कहा, "तेलंगाना में TRSएक दुर्जेय राजनीतिक पार्टी है. यह तेलंगाना की क्षेत्रीय भावना का प्रतिनिधित्व करती है. मुझे यकीन है कि के.चंद्रशेखर राव इन चुनावों में पार्टी के प्रदर्शन की समीक्षा करेंगे."
निगर निकाय चुनाव में बीजेपी के शानदार प्रदर्शन पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए मजलिस के नेता ने कहा, "हम भाजपा को लोकतांत्रिक तरीके से लड़ेंगे. हमें भरोसा है कि तेलंगाना के लोग राज्य में अपने पदचिन्हों का विस्तार करने से भाजपा को रोकेंगे."
इस बार के निकाय चुनाव में वोटों के ध्रुवीकरण को लेकर काफी मशक्कत भी की गई. चुनाव में साफ-सफाई, सड़क, पानी से ज्यादा पाकिस्तान, मोहम्मद अली जिन्ना, सर्जिकल स्ट्राइक और हैदराबाद का नाम बदलने तक का जिक्र किया गया. डुब्बक में हुए विधानसभा उपचुनाव में मिली जीत से बीजेपी काफी विश्वास से भरी हुई थी. यही वजह थी कि हैदराबाद निकाय चुनाव में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जैसे कई दिग्गज नेताओं व केंद्रीय मंत्रियों को उतरना पड़ा.