'कहां गए 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' के नारे?' : ओवैसी ने PM मोदी से पूछा- बिलकिस आपकी 'बेटी' नहीं थी? 

ओवैसी ने कहा कि बीजेपी की सरकार ने गर्भवती बिलकिस बानो और उसकी मां एवं अन्य महिलाओं से बलात्कार करने के दोषी लोगों को छोड़कर पीएम मोदी के झूठे नारों को साबित किया है. 2002 के बिलकीस बानो मामले में पिछले महीने गुजरात सरकार ने बलात्कार और हत्या के लिए दोषी करार दिये गए 11 व्यक्तियों की सजा माफ कर दी थी.

विज्ञापन
Read Time: 10 mins
असदुद्दीन ओवैसी ने बिलकिस बानो मामले पर PM नरेंद्र मोदी और बीजेपी सरकार पर जोरदार हमला बोला है
नई दिल्ली:

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) प्रमुख और हैदराबाद सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने बिलकिस बानो मामले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी सरकार पर जोरदार हमला बोला है और पूछा है कि क्या बिलकिस आपकी बेटी नहीं थी? ओवैसी ने प्रधानमंत्री मोदी के 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' के नारे पर भी सवालिया निशान लगाए.

एक सभा को संबोधित करते हुए ओवैसी ने कहा, "बीजेपी सरकार ऐसे कुत्तों को छोड़ देती है जो ख़वातीन का बलात्कार करते हैं. कहां गई BJP की इंसानियत? कहां गया प्रधानमंत्री @narendramodi  का 'बेटी बचाओं, बेटी पढ़ाओ' के नारे ?"

ओवैसी ने कहा कि बीजेपी की सरकार ने गर्भवती बिलकिस बानो और उसकी मां एवं अन्य महिलाओं से बलात्कार करने के दोषी लोगों को छोड़कर पीएम मोदी के झूठे नारों को साबित किया है. बता दें कि 2002 के बिलकीस बानो मामले में पिछले महीने गुजरात सरकार ने बलात्कार और हत्या के लिए दोषी करार दिये गए 11 व्यक्तियों की सजा माफ कर दी थी.

सजा माफी नीति के तहत गुजरात सरकार द्वारा 11 दोषियों की रिहाई की अनुमति दिये जाने के बाद वे 15 अगस्त को गोधरा उप कारागार से बाहर आ गए. इन दोषियों ने जेल में 15 साल से अधिक समय बिताया था.

मुंबई की विशेष सीबीआई अदालत ने 21 जनवरी 2008 को इन 11 लोगों को बलात्कार और बिलकिस बानो के परिवार के सात सदस्यों की हत्या के आरोप में उम्र कैद की सजा सुनाई थी. उनकी दोषसिद्धि को बंबई उच्च न्यायालय ने बरकरार रखा था.

Advertisement

बिलकिस बानो के साथ जब सामूहिक बलात्कार किया गया था, उस वक्त वह 21 वर्ष की थी और उसे पांच महीने का गर्भ था. मारे गये लोगों में उनकी तीन साल की बेटी भी शामिल थी.

Featured Video Of The Day
PM Modi में वैश्विक शांतिदूत बनने के सभी गुण: Former Norwegian minister Erik Solheim