अब एम्स में नहीं भटकेंगे, जांच केंद्र से दवाखाना तक, सभी जगहों के सटीक रास्ते ऐसे पता करें

एम्स नई दिल्ली के निदेशक डॉ. (प्रो.) एम. श्रीनिवास ने कहा, 'ये ऐप हमारे विजन का प्रतीक है, जिसमें हम एआई और आईओटी तकनीक का उपयोग करके मरीज-केंद्रित सेवाएं दे रहे हैं.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
AIIMS में इलाज, जांच और दवा के लिए भटकना नहीं पड़ेगा.
फटाफट पढ़ें
Summary is AI-generated, newsroom-reviewed
  • नई दिल्ली के एम्स ने मरीजों की सुविधा के लिए दिशा मोबाइल एप्लिकेशन लॉन्च किया है.
  • यह ऐप आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और इंटरनेट ऑफ थिंग्स तकनीक पर आधारित इनडोर नेविगेशन सिस्टम प्रदान करता है.
  • दिशा ऐप बिना इंटरनेट के भी काम करता है और डिजिटल नक्शों के जरिए अस्पताल के विभागों का सही रास्ता दिखाता है.
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।
नई दिल्ली:

अब नई दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में इलाज, जांच और दवा के लिए भटकना नहीं पड़ेगा. मरीजों को बिना परेशानी के चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए 'एम्स दिशा' मोबाइल एप्लिकेशन लांच किया गया है, जो मरीजों को एम्स के भीतर ओपीडी से लेकर दवाखाना और जांच केंद्र के बार में सहायता करेगा. केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जेपी नड्डा ने शनिवार (13 सिंतबर) को "DISHA" नामक ऐप को लॉन्च किया.

जांच केंद्र से दवाखाना तक, मिलेगी सटीक जानकारी

दरअसल, एम्स दिल्ली जैसे बड़े अस्पतालों में OPD, डायग्नॉस्टिक सेंटर, फार्मेसी और बिलिंग काउंटर जैसे जगहों को कई बार ढूंढना कठिन होता है. ऐसे में रास्तों की जानकारी नहीं होने के कारण कई बार अपॉइंटमेंट या प्रक्रियाएं छूट सकती हैं, या फिर मरीज विभागों, लैब या बिलिंग काउंटर तक देर से पहुंचते हैं. कई बार काउंटर के पास भीड़ लग जाती है, क्योंकि लोग रास्ता पूछने के लिए इकट्ठा हो जाते हैं. इन सभी समस्याओं के निदान के लिए "एम्स दिशा" बनाया गया है.

एआई और आईओटी पर आधारित ऐप

दिशा ऐप आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) पर आधारित इनडोर नेविगेशन सिस्टम है. इससे संचालन में तेजी आएगी, इंतजार के समय कम होंगे और मरीजों और आगंतुकों को बेहतर अनुभव मिलेगा.

आधुनिक तकनीकि से लैस "दिशा ऐप"

अस्पताल में रास्ता ढूंढने के लिए विभिन्न हिस्सों में सेंसर लगाए गए हैं, जो आपकी लोकेशन बताकर आपको कमरे तक सही दिशा दिखाते है. इसमें डिजिटल नक्शे होते हैं, जिनमें पूरे अस्पताल की मंजिलों और जरूरी जगहों की जानकारी दी गई है. यह सिस्टम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक का इस्तेमाल करके सबसे छोटा या आसान रास्ता बताता है, ताकि मरीजों और आगंतुकों को सुविधा हो. इस एप की सबसे अच्छी बात यह है कि यह सिस्टम बिना इंटरनेट के भी काम करता है.

स्मार्ट हेल्थकेयर इंफ्रास्ट्रक्चर की दिशा में बड़ा कदम

एम्स नई दिल्ली के निदेशक डॉ. (प्रो.) एम. श्रीनिवास ने कहा, 'ये ऐप हमारे विजन का प्रतीक है, जिसमें हम एआई और आईओटी तकनीक का उपयोग करके मरीज-केंद्रित सेवाएं दे रहे हैं. इससे एम्स स्मार्ट हेल्थकेयर इंफ्रास्ट्रक्चर का अग्रणी बनेगा.'

कई भाषाओं में मिलेगी ऑडियो-विजुअल सूचना

ऐप में व्हीलचेयर का उपयोग करने वाले मरीजों के लिए अलग सुविधा दी गई, उन्हें सबसे आसान रास्ते की जानकारी दी जाएगी, ताकि वो भीड़-भाड़ से बच सकें. इसमें टर्न-बाय-टर्न आवाज और विज़ुअल नेविगेशन भी है, जो कई भाषाओं में और जरूरत पड़ने पर एक्सेसिबल तरीके से जानकारी देता है. यह सिस्टम कई मंजिलों और इमारतों के बीच भी रास्ता दिखा सकता है. इसके जरिए आप आसानी से डॉक्टर, लैब, फार्मेसी, बिलिंग काउंटर और अन्य सुविधाओं को खोज सकते हैं. भीड़ प्रबंधन के लिए इसमें लाइव हीटमैप्स की सुविधा है, जिससे पता चलता है कि किस जगह पर भीड़ ज्यादा है. यह एप्लिकेशन आईओएस, एंड्रॉयड और अस्पताल परिसर में लगे कियोस्क—तीनों पर उपलब्ध है.

Advertisement

एम्स मीडिया सेल में पीआईसी डॉ. (प्रो.) रीमा दादा ने बताया, "अस्पताल पहली बार आने वाले आगंतुकों या बुजुर्ग मरीजों के लिए अक्सर डराने वाले लग सकते हैं. एम्स दिशा यह सुनिश्चित करेगा कि जो भी व्यक्ति एम्स में आए, उसे किसी भी प्रकार की दिक्कत न हो. यह स्वास्थ्य सेवाओं को एक मानवीय रूप देने के साथ-साथ उन्हें अधिक सुलभ और तकनीक-सक्षम बनाने की दिशा में एक अहम कदम है."

Featured Video Of The Day
Putin का Drone Attack: Ukraine में तबाही, Zelensky का तीखा बयान
Topics mentioned in this article