तूतीकोरिन में भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा अन्नाद्रमुक प्रमुख ई पलानीस्वामी पर 'गठबंधन धर्म' का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए उनकी तस्वीरें जलाने के साथ ही अन्नाद्रमुक और भाजपा के बीच संबंध अब तक के सबसे निचले स्तर पर आ गए हैं. पिछले सप्ताह, भाजपा के पांच नेता AIADMK में शामिल हो गए थे. इनमें भाजपा के राज्य आईटी विंग के प्रमुख सीआरटी निर्मल कुमार भी थे. आज, 13 अन्य भाजपा सदस्यों ने सीटीआर निर्मल कुमार के समर्थन में पार्टी छोड़ दी. निर्मल कुमार रविवार को भाजपा छोड़ AIADMK में शामिल हुए थे और आरोप लगाया थे कि अन्नामलाई का एक DMK मंत्री के साथ गुप्त समझौता है.
बढ़ रही दूरी
2019 के लोकसभा चुनावों के बाद से, AIADMK ने भाजपा के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ते हुए तीन चुनाव हारे हैं. हाल में हुए उपचुनाव AIADMK गठबंधन हार गया था. उपचुनाव में तो दोनों दलों ने साथ प्रचार तक नहीं किया था. सूत्रों ने संकेत दिया कि AIADMK अब भाजपा को एक बोझ के रूप में देख रही है. पिछले साल नवंबर में, तमिलनाडु की निजी यात्रा पर आए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलने पर पलानीस्वामी ने कहा था कि उनसे मिलने की कोई आवश्यकता नहीं है.
अन्नामलाई का दावा- भाजपा बढ़ रही
राज्य भाजपा प्रमुख के अन्नामलाई ने घोषणा की कि भाजपा पर अन्नाद्रमुक का आक्रमण इंगित करता है कि भाजपा राज्य में "आ गई" है. राज्य भाजपा प्रमुख के अन्नामलाई ने कहा, "यह दर्शाता है कि हम तमिलनाडु में बढ़ रहे हैं. भाजपा आ गई है." राज्य के दिवंगत राजनीतिक दिग्गजों से अपनी तुलना करते हुए अन्नामलाई ने कहा, "जे जयललिता और एम करुणानिधि जैसे नेता के रूप में, मैं भी एक नेता के रूप में कार्रवाई करूंगा. मैं प्रबंधक नहीं, बल्कि एक नेता हूं."
भाजपा ने भी तोडे़ हैं नेता
AIADMK ने इस बात से इनकार किया है कि उसने भाजपा को गलत तरीके से नुकसान पहुंचाया है. AIADMK के प्रवक्ता कोवई सत्यन ने अन्नामलाई को "उनके नेतृत्व द्वारा नामित एक कॉर्पोरेट पार्टी का प्रबंधक" कहा. जयललिता की "मानहानि" के लिए राज्य भाजपा प्रमुख की आलोचना करते हुए, उन्होंने कहा, "जब भाजपा हमारे लोगों को अपने दल में शामिल करती है , तो वह अपनी छाती पीटती है, लेकिन जब उनकी पार्टी का कोई नेता हमारे यहां आता है, तो वे चिल्लाते हैं."
आज जिला सचिवों की बैठक
अतीत में, भाजपा ने पूर्व मंत्री नैनार नागेंद्रन सहित AIADMK के वरिष्ठ नेताओं को शामिल किया था, जो अब विधानसभा में पार्टी के नेता हैं. परेशानी तब शुरू हुई जब 234 सदस्यीय सदन में सिर्फ चार विधायकों वाली भाजपा ने ई पलानीस्वामी और ओ पन्नीरसेल्वम के बीच चल रही खींचतान के बीच खुद को प्रमुख विपक्ष के रूप में पेश किया. ऐसे में बृहस्पतिवार को जिला सचिवों की बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा होने की उम्मीद है.