एक महत्वपूर्ण फैसले में केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने सभी स्कूलों में तीसरी कक्षा से ही कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) पर पाठ्यक्रम शुरू करने का फैसले किया है. गुरुवार को शिक्षा मंत्रालय ने एक नोट जारी का कहा, "आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ((AI) और कम्प्यूटेशनल थिंकिंग (CT) सीखने, सोचने और सिखाने की अवधारणा को सुदृढ़ करेगा और धीरे-धीरे "सार्वजनिक हित के लिए AI" (“AI for Public Good”) की अवधारणा की ओर विस्तारित होगा. यह पहल जटिल चुनौतियों को हल करने के लिए AI के नैतिक उपयोग की दिशा में एक नया लेकिन महत्वपूर्ण कदम है, क्योंकि यह तकनीक कक्षा 3 से शुरू होकर, आधारभूत स्तर से ही अंतर्निहित होगी".
इस दिशा में केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने AI और CT पाठ्यक्रम विकसित करने के लिए IIT मद्रास के प्रोफेसर कार्तिक रमन की अध्यक्षता में एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया है. ये तय किया गया है कि तीसरी कक्षा से आगे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और कम्प्यूटेशनल थिंकिंग (CT) को पाठ्यक्रम में शामिल करने की शुरुआत शैक्षणिक सत्र 2026-27 से की जाएगी.
बुधवार को शिक्षा मंत्रालय में इस मुद्दे पर अहम स्टेकहोल्डर्स जैसे CBSE, NCERT, KVS, NVS और एक्सटर्नल एक्सपर्ट्स के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक हुई. शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक बैठक में डिपार्टमेंट ऑफ़ स्कूल एजुकेशन एंड लर्निंग (DoSeL) के सचिव संजय कुमार ने कहा, "कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) की शिक्षा को The World Around Us (TWAU) से जुड़े एक बुनियादी सार्वभौमिक कौशल (basic universal skill) के रूप में माना जाना चाहिए. पाठ्यक्रम व्यापक, समावेशी और स्कूली शिक्षा के लिए राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा (NCF SE) 2023 के अनुरूप होना चाहिए। प्रत्येक बच्चे की विशिष्ट क्षमता हमारी प्राथमिकता है. नीति निर्माताओं के रूप में हमारा काम न्यूनतम सीमा निर्धारित करना और बदलती ज़रूरतों के आधार पर उसका पुनर्मूल्यांकन करना है".














