अहमदाबाद प्लेन क्रैश पर एयर इंडिया के रिटायर कैप्टन के कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं.
Ahmedabad Plane Crash: अहमदाबाद में क्रैश हुए एयर इंडिया के प्लेन को उड़ा चुके पायलट ने इस हादसे से जुड़े कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं. NDTV न्यूज रूम में आए एयर इंडिया के रिटायर कैप्टन राकेश राय ने इस हादसे से जुड़ी कई तकनीकी पहलूओं की जानकारी दी. कैप्टन राकेश राय पिछले साल ही एयर इंडिया से रिटायर हुए हैं. राकेश राय ने अपनी ड्यूटी के दौरान बोइंग 787 ड्रीमलाइनर को भी उड़ाया है. गुरुवार को अहमदाबाद में क्रैश हुआ एयर इंडिया का प्लेन भी बोइंग 787 ड्रीमलाइनर ही थी. बोइंग 787 ड्रीमलाइनर की गिनती दुनिया के सबसे अत्याधुनिक विमानों में की जाती है. इस विमान के 15 साल के इतिहास में क्रैश की यह पहली घटना थी.
600 फीट की ऊंचाई पर जाने के बाद प्लेन के साथ कुछ हुआ होगा
अहमदाबाद में क्रैश हुए एयर इंडिया के प्लेन का सीसीटीवी वीडियो दिखाते हुए रिटायर कैप्टन राकेश राय ने कहा कि टेकऑफ रोल को देखकर लगता है कि यह एक नॉर्मल टेकऑफ है. सीसीटीवी फुटेज देखकर लगता है कि कोई तकनीकी दिक्कत नहीं थी. जब तक जहाज ऊपर जाता नजर आ रहा है तब तक कोई खराबी नजर नहीं आती. जो कुछ भी हुआ है, वो 600 फीट की ऊंचाई तक जाने के बाद ही हुआ है. जहाज नीचे आने लगा है.
देखें अहमदाबाद प्लेन क्रैश का CCTV वीडियो
रिटायर कैप्टन राकेश राय ने विमान हादसे से जुड़े कारणों को बताया
इस प्लेन क्रैश से जुड़े संभावित कारणों पर रिटायर कैप्टन राकेश राय ने आगे कहा कि इस हादसे में प्रश्न यह है कि जहाज के जो अंडर कैरेज चक्के है, वो हमेशा नीचे रहे है. इसे समझाते हुए उन्होंने बताया, "टेकऑफ रोल पर एक स्पीड होती है, जिसे हम लोग VR बोलते है. (Velocity Rotation) यह वो स्पीड है, जिस स्पीड पर हम जहाज के नोज को ऊपर उठाने की कोशिश करते है."
अहमदाबाद प्लेन क्रैश का अंडर कैरेज चक्के नीचे क्यों रहा?
उन्होंने आगे बताया कि जैसे ही हम नोज को ऊपर ले जाने की कोशिश करते हैं पायलट मॉनिटरिंग एक कॉल देता है- पॉजिटिव रेट. मतलब कि हम ऊपर उठ रहे हैं. फिर पायलट फ्लाइंग भी इसे चेक करता है और कहता है- गियर अप. यह सारी चीजें 50 फीट की ऊंचाई तक जाते-जाते हो जाता है. लेकिन इस विमान का अंडर कैरेज 600 फीट तक नीचे रहा है. यह एक प्रश्न है. ऐसा क्यों हुआ होगा.
हादसे की पहली आशंका- बर्ड हिट के बाद लस्ट ऑफ थ्रस्ट
अंडर कैरेज के नीचे रहने के संभावित कारणों पर रिटायर कैप्टन राकेश राय ने बताया कि इसके कई कारण हो सकते है.या तो कोई बर्ड हिट हुआ है. जिसके बाद लस्ट ऑफ थ्रस्ट हुआ है. और उस कंफ्यूजन में ये गियर ऊपर करना भूल गए हो. एक संभावना यह है.
उस केस में जब तक ये रियलाइज करेंगे कि गियर मेरा ऊपर नहीं गया है और इंजन फेल कर गया है तब उस केस में एयरक्रॉफ्ट उड़ नहीं सकेगा. वो धीरे-धीरे फिर नीचे आने लगेगा. जो इस तस्वीर में दिख रहा है. क्योंकि लैंडिंग गियर स्पीड ब्रेक का भी करता है.
हादसे की दूसरी आशंका- अंडर कैरेज ऊपर करने के बदले फ्लेप्स ऊपर किया होगा
दूसरी आशंका यह भी हो सकती है कि जो पायलट मॉनिटरिंग है, उसने गलती से अंडर कैरेज ऊपर करने के बदले फ्लेप्स ऊपर कर दिया होगा. रिटायर कैप्टन राकेश राय ने कहा कि यह ह्यूमन एरर की थ्योरी है. उन्होंने यह भी कहा कि मैं यह नहीं कह रहा कि यही हुआ होगा. यह हो सकता है, इसकी थ्योरी है. उन्होंने यह भी बताया कि फ्लेप ऊपर करने के बाद सडेन लॉस ऑफ थ्रस्ट होगा.
20-25 सेकेंड में कोई क्या ही कर सकता है: कैप्टन राकेश राय
रिटायर कैप्टन राकेश राय ने आगे कहा टेकऑफ 320 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से विमान उड़ रहा था. इससे आप समझ सकते हैं कि यह कितनी दूरी तय करेगा. रन वे से क्रैश करने तक मात्र 59 सेकेंड का वीडियो सामने आया है. 20 से 25 सेकेंड का मात्र समय रहा होगा. किसी भी आपात स्थिति को समझने में किसी भी व्यक्ति को 4-5 सेकेंड को लगेगा ही.
टेकऑफ के पहले की कई सारी चेकलिस्ट, सभी की जांच के बाद भी होती है उड़ान
टेकऑफ से पहले कई सारे चेकलिस्ट होता है. इस एयरक्रॉफ्ट में मैनुअल चेकलिस्ट नहीं है. सभी इलेक्ट्रॉनिक है. ऐसे में सभी चेकलिस्ट की जांच के बाद भी प्लेन ने उड़ान भरना शुरू किया है. इस विमान में यह भी तकनीक है कि यदि कोई प्रोसेस मिस हो गया तो कई सारे अलर्ट आने लगते हैं. अलार्म बजने लगता है, लाइट जलने लगती है. इससे यदि कोई इंसान सोया भी हो तो वो जग जाएगा.
विमान में सवार 241 यात्रियों सहित कुल 265 की मौत
मालूम हो कि इस दुर्घटना में विमान में सवार 241 लोगों समेत 265 की मौत हो गई. विमान हादसे में मारे गए लोगों में से छह की शिनाख्त करने के बाद शुक्रवार को उनके शव उनके परिजनों को सौंप दिये गये. गुरुवार को हुए हादसे के बाद 265 शवों को पोस्टमार्टम के लिए अहमदाबाद सिविल अस्पताल भेजा गया था. एक अधिकारी ने बताया कि इनमें से केवल छह की शिनाख्त हो पाई क्योंकि उनके चेहरे पहचाने जा सकने की हालत में थे.
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