- अहमदाबाद में 8वीं के छात्र ने 10वीं क्लास के सीनियर छात्र की चाकू से वार करके हत्या कर दी.
- कच्ची उम्र में हिंसा की ये पहली घटना नहीं है. सवाल ये है कि आखिर बच्चों में इतना गुस्सा बढ़ क्यों रहा है?
- इसकी एक वजह बच्चों को सोशल मीडिया पर खुली छूट और हिंसक संस्कृति को बताया जाता है.
जिस उम्र में हाथों में किताब होनी चाहिए, उस कच्ची उम्र में बच्चों के हाथ खून से सन रहे हैं. जिन आंखों में भविष्य के सपने बसने चाहिए, उनमें खून उतर रहा है. आखिर ऐसा क्यों? अहमदाबाद में 10वीं के छात्र को चार कंधों पर अंतिम विदाई के लिए ले जाती भीड़ में ये सवाल जरूर कौंधा होगा. इस तस्वीर ने हर उस मां-बाप को झकझोर कर रख दिया, जो अपने बच्चों को सुनहरे भविष्य के सपने संजोकर स्कूल भेजते हैं.
10वीं क्लास का छात्र रोज की तरह अहमदाबाद के खोखरा इलाके में अपने सेवेंथ डे स्कूल आया था. उसे तैयार करके स्कूल भेजने वाले मां-बाप को क्या पता था कि ये उसकी जिंदगी का आखिरी दिन बन जाएगा. स्कूल में 8वीं के छात्र से उसका कुछ दिन पहले धक्का-मुक्की को लेकर मामूली झगड़ा हुआ था. मामला खत्म हो गया. लेकिन जूनियर छात्र की आंखों में खून उतरा हुआ था.
स्कूल की छुट्टी होने पर 10वीं का छात्र घर के लिए निकला. कुछ दूर पहुंचा था, तभी 8वीं का जूनियर छात्र वहां आया और चाकू निकालकर ताबड़तोड़ वार करने लगा. इलाज के दौरान छात्र की मौत हो गई. मां की शिकायत पर हमलावर छात्र को जूवेनाइल एक्ट के तहत डिटेन कर लिया गया है. घटना से गुस्साए लोगों ने स्कूल में जमकर तोड़फोड़ की. क्राइम ब्रांच ने हमलावर छात्र की मदद के आरोप में एक शख्स को गिरफ्तार भी किया है.
कच्ची उम्र में हिंसा की हालिया घटनाएं
बिहार - भागलपुर के माछीपुर में एक छात्र ने छात्रा पर चाकू से हमला कर दिया. छात्रा पर तीन जगह वार किया गया है. मामला एकतरफा प्रेम का बताया जा रहा है. दोनों एक ही ट्यूशन क्लास में पढ़ते थे. छात्रा के इनकार करने से खफा छात्र ने वारदात को अंजाम दिया. गुस्साई भीड़ ने आरोपी छात्र को पकड़कर पिटाई कर दी. उसकी हालत भी गंभीर है.
मध्यप्रदेश - नरसिंहपुर में 18 वर्षीय पूर्व छात्र ने अपनी टीचर रहीं 26 साल की स्मृति दीक्षित पर पेट्रोल छिड़ककर आग लगा दी. बताया जाता है कि टीचर ने आरोपी की शिकायत की थी, जिससे खफा होकर उसने इस वारदात को अंजाम दिया. मामला एकतरफा प्रेम का भी बताया जा रहा है. छात्र बोतल में पेट्रोल लेकर टीचर के घर पहुंचा और आग लगा दी.
उत्तर प्रदेश - गाजीपुर के महाराजगंज में छात्रों के बीच मामूली विवाद खून-खराबे में बदल गया. सोमवार को 9वीं के छात्र ने गुस्से में आकर 10वीं के छात्र पर चाकू से ताबड़तोड़ हमला कर दिया. घायल छात्र की मौत हो गई. बीचबचाव करने वाले कई अन्य छात्र घायल हो गए. आरोपी छात्र अपनी पानी की बोतल में चाकू छिपाकर लाया था.
उत्तर प्रदेश - मुजफ्फरनगर के एक इंटर कॉलेज में टीसी लेने गए छात्र को स्कूल के अंदर की 7-8 छात्रों ने पकड़कर मारा-पीटा. इस हमले में छात्र गंभीर रूप से घायल हो गया. घटना कोतवाली इलाके के जानसठ रोड के पास स्कूल में हुई.
आखिर बच्चों में इतना गुस्सा क्यों है?
ये घटनाएं तो महज कुछ उदाहरण हैं, लेकिन समस्या इससे भी कहीं गंभीर है. आए दिन इस तरह की घटनाएं कहीं न कहीं से सामने आती रहती हैं. सवाल ये है कि आखिर बच्चों में इतना गुस्सा बढ़ क्यों रहा है? इसकी एक वजह सोशल मीडिया पर खुली छूट और हिंसक संस्कृति को बताया जाता है. आजकल के बच्चे सोशल मीडिया और हिंसक वीडियो गेम्स के साये में बड़े हो रहे हैं.
बच्चे जो देखते हैं, उसी को अपनाने का प्रयास करते हैं. जब उनके मन-मुताबिक चीजें नहीं होतीं, तो वह आपे से बाहर हो जाते हैं. बच्चों में गुस्सा और तनाव बढ़ रही है. छोटी-छोटी बातों पर बच्चे हिंसक बर्ताव करने लगे हैं. इसके अलावा घर का माहौल, फैमिली प्रॉब्लम, इमोशनल ट्रॉमा या स्ट्रेस, मानसिक स्थितियां जैसे कई अन्य कारण भी इसकी वजह हो सकते हैं. जरूरत इस बात की है कि कच्चे मन में जो गांठ बन रही है, उसके समाधान का समय से इंतजाम किया जाना चाहिए.