- एयर इंडिया की फ्लाइट एआई-171 के क्रैश में दोनों इंजन के फ्यूल कट ऑफ स्विच बंद होने से पायलटों में भ्रम की स्थिति उत्पन्न हुई थी.
- इस हादसे में 260 लोगों की मौत हुई थी, जिसे पिछले दस वर्षों का सबसे गंभीर विमान दुर्घटना माना जा रहा है.
- प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में फ्यूल कट ऑफ स्विच को मुख्य समस्या बताया गया है, जो तकनीकी त्रुटि के कारण बंद हो गया था.
एयर इंडिया की फ्लाइट एआई-171 के हादसे को एक महीना पूरा हो गया है. वहीं एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इनवेस्टिगेशन ब्यूरो (एएआईबी) की शुरुआती जांच रिपोर्ट भी आ गई है. इस रिपोर्ट के अनुसार दोनों इंजन में फ्यूल पहुंचाने वाले स्विच बंद हो गए थे. इसके बाद पायलटों में भ्रम की स्थिति पैदा हो गई जिसके कुछ ही सेकेंड बाद प्लेन अहमदाबाद में क्रैश हो गया. इस क्रैश में यात्री और क्रू के अलावा बीजे हॉस्टल में भी कुछ लोगों की मौत हो गई थी. इसे पिछले एक दशक का सबसे खतरनाक क्रैश करार दिया जा रहा है. इस क्रैश में 260 लोगों की मौत हो गई थी.
फ्यूल कट ऑफ स्विच मुख्य समस्या
इंटरनेशनल सिविल एविएशन ऑर्गनाइजेशन (आईसीएओ) में भारत के पूर्व प्रतिनिधि और सिविल एविएशन मिनिस्ट्री में ज्वॉइन्ट सेक्रेटरी रहे सनत कौल ने एयर इंडिया विमान क्रैश पर आई एएआईबी की प्रारंभिक रिपोर्ट पर एनडीटीवी से कहा, 'एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) की प्रिलिमनरी रिपोर्ट से हमें कुछ सवालों के जवाब मिले हैं. जो बात सामने आई है, वो ये है कि फ्यूल स्विच बंद कर दिया गया था. फिलहाल यही फ्यूल कट-ऑफ स्विच मुख्य समस्या लग रहा है.'
यह मामला टेक्निकल एरर का
उन्होंने आगे कहा, 'कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर में दोनों पायलट में से एक ने दूसरे से पूछा कि क्या आपने फ्यूल स्विच ऑफ किया? उसने कहा- नहीं, मैं नहीं किया. डिजिटल रिकॉर्डर में अगर किसी ने हाथ से फ्यूल स्विच को ऑफ किया तो क्लिक की आवाज आनी चाहिए.' उनके शब्दों में, 'मेरे अनुसार, यह ' टेक्निकल एरर' का मामला है न कि 'ह्यूमन एरर' का.' उन्होंने बताया कि अमेरिका की फेडरल एविएशन अथॉरिटी (FAA) ने दिसंबर, 2018 में एक स्पेशल एयरवर्दीनेस बुलेटिन जारी किया था जोकि बोइंग 737एयरक्राफ्ट के फ्यूल कटऑफ स्विचेस को लेकर था.
तकनीकी कारणों से हुआ हादसा?
एफएए के बुलेटिन में एडवाइजरी जारी की गई थी कि बोइंग 737 विमान में जो फ्यूल स्विच वह अनजाने में मूव कर सकता है. एफएए ने दिसंबर 2018 में फ्यूल स्विच के मामले को उठाया था. यह एडवाइजरी बोइंग ड्रीमलाइनर के लिए भी जायज थी, लेकिन यह मैंडेटरी नहीं था. एएआईबी ने अपनी प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में जो तथ्य सार्वजनिक किए हैं, उससे लगता है की एयर इंडिया विमान हादसा तकनीकी कारण से हुआ है और इसमें टेक्निकल प्रॉब्लम थी.
यह एक खराब सॉफ्टवेयर का केस हो सकता है. उनका कहना है कि इसमें ऐसा लगता है कि सॉफ्टवेयर का कॉनफ्लिक्ट है. कॉकपिट में फ्यूल स्विच को लेकर दोनों पायलट की बातचीत से लगता है कि यह ह्यूमन एरर का मामला नहीं है. ICAO के नियम के अनुसार AAIB को एक साल के अंदर अपनी फाइनल रिपोर्ट देनी होगी.