ये महज मुआवजे की नहीं बल्कि जवाबदेही की लड़ाई...एयर इंडिया हादसे के पीड़ित परिवारों के अमेरिकी वकील

एयर इंडिया AI171 हादसे को छह महीने बीत गए, लेकिन पीड़ित परिवार अब भी जवाब और पूरी मुआवज़ा राशि का इंतज़ार कर रहे हैं.

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  • एयर इंडिया की फ्लाइट AI171 हादसे में 260 लोगों की मौत हुई, जिसमें केवल एक व्यक्ति ही बच पाया था
  • पीड़ित परिवारों को एयर इंडिया ने ₹25 लाख मुआवज़ा दिया लेकिन टाटा समूह की ₹1 करोड़ राशि कइयों को नहीं मिली
  • गुजरात सरकार द्वारा वादा किए गए ₹4 लाख की रकम हादसे के पीड़ित कई परिवारों तक नहीं पहुंची है
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छह महीने पहले आसमान में उड़ान भरते ही एक विमान खतरनाक हादसे का शिकार हो गया था. ये एयर इंडिया की फ्लाइट AI171 थी, जिसमें सवार 260 लोगों की जान गई. बच खुशकिस्मती से एक ही शख्स जिंदा बच पाया. आज, आधा साल बीत जाने के बावजूद पीड़ित परिवारों के दर्द कम नहीं हुए हैं. न सिर्फ़ अपने प्रियजनों को खोने का ग़म, बल्कि अनसुलझे सवाल और अधूरी मुआवज़ा राशि उनकी पीड़ा को और बढ़ा रहे हैं. अमेरिकी वकील माइक एंड्रयूज़, जो इन परिवारों का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह सिर्फ़ मुआवज़े की लड़ाई नहीं है, यह जवाबदेही की लड़ाई है.

मुआवजे में देरी और भ्रम

एंड्रयूज ने बताया कि वैसे तो हादसे के शिकार पीड़ित परिवारों को एयर इंडिया की ओर से ₹25 लाख का मुआवज़ा मिल चुका है, लेकिन टाटा समूह द्वारा घोषित ₹1 करोड़ की एक्स-ग्रेशिया राशि कई परिवारों को अब तक नहीं मिली. इसके अलावा, मुंबई क्षेत्र के कई परिवारों को गुजरात सरकार द्वारा वादा किए गए ₹4 लाख भी नहीं मिले हैं. उन्होंने इसे प्रशासनिक संचार में कमी का नतीजा बताया. सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि यूके में रहने वाले पीड़ित परिवारों को फंड ट्रांसफर में भी दिक्कतें आ रही हैं.

जांच की स्थिति

भारत की एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) के अधिकारी हाल ही में वॉशिंगटन डीसी में अमेरिकी नेशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड (NTSB) के साथ मिलकर फ्लाइट और कॉकपिट डेटा की समीक्षा कर रहे थे. एंड्रयूज ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणियां भी पायलटों को दोषी ठहराने के बजाय सच्चाई सामने लाने की दिशा में रही हैं. उन्होंने यह भी बताया कि कुछ परिवारों को कथित तौर पर ऐसे दस्तावेज दिए जा रहे हैं जिनमें उनसे जांच पूरी होने से पहले कानूनी अधिकार छोड़ने को कहा जा रहा है, एंड्रयूज ने इसे अनुचित बताया.

मॉन्ट्रियल कन्वेंशन और कानूनी विकल्प

मॉन्ट्रियल कन्वेंशन के तहत एयरलाइन को मुआवजा देना अनिवार्य है, लेकिन जांच के नतीजे तय करेंगे कि क्या ज़िम्मेदारी विमान निर्माता बोइंग या अन्य पार्ट निर्माताओं तक जाएगी. एंड्रयूज ने कहा कि कई परिवारों में मानसिक तनाव इतना बढ़ गया है कि कुछ ने अतिरिक्त मौतों की भी सूचना दी है, जो संभवतः शोक और आघात से जुड़ी हैं.

अहमदाबाद का दर्दनाक हादसा

12 जून को एयर इंडिया की फ्लाइट AI171 अहमदाबाद से उड़ान भरने के 90 सेकंड के बाद खतरनाक ढंग से क्रैश हो गई. इस हादसे में 260 लोगों की मौत हुई, जिनमें 229 यात्री, 12 क्रू मेंबर और ज़मीन पर मौजूद 19 लोग शामिल थे. यह भारत के इतिहास में सबसे भयावह विमान हादसों में से एक है.

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