- उत्तर प्रदेश के बलरामपुर और आगरा समेत छह राज्यों में धर्मांतरण के बड़े गिरोह का पुलिस ने पर्दाफाश किया है
- आगरा में पकड़े गए अब्दुल रहमान नामक मास्टरमाइंड ने हिंदू लड़कियों को सलाफी मुस्लिम तरीके से धर्मांतरण कराया था
- धर्मांतरण के गिरोह ने लड़कियों को कट्टरपंथी विचारों से प्रभावित कर उन्हें मुजाहिदा बनाने की कोशिश की
आंख मूंदकर किसी पर भी भरोसा करना बहुत घातक होता है क्योंकि विश्वास और विश्वासघात के बीच बहुत महीन से लकीर होती है. इसी भरोसे और विश्वास का लवादा ओढकर, खतरनाक साजिश आपकी दहलीज पर दस्तक दे सकती है. ऐसा इसलिए क्योंकि पिछले कुछ दिनों से देश में धर्मांतरण नाम का एक शब्द बार-बार गूंज रहा है. इसकी एक सॉलिड वजह है. यूपी के बलरामपुर से लेकर आगरा और देश के 6 राज्यों तक धर्मांतरण के ठेकेदार पकड़े गए. कोई फकीर का चोला ओढ़कर हिंदू लड़कियों के जहन में जहर भर रहा थे तो कोई खुद महेंद्र पाल से अब्दुल रहमान बनकर सनातन विरोधी मिशन चला रहा था.
आगरा में धर्मांतरण के मास्टमाइंड अब्दुल रहमान की कन्वर्जन फैक्ट्री में इसी खास शब्द के राज जब पुलिस ने खंगाले तो ऐसे चौंकाने वाले खुलासे हुए जो देश को उस साजिश से सावधान करते हैं, जिसकी बुनियाद पर धर्मांतरण गैंग घर घर में मुजाहिदा और सलाफी ब्रिगेड खड़ी करना चाहता था.
यूपी पुलिस के ऑपरेशन अस्मिता में धर्मांतरण के ठेकेदारों के ऑपरेशन मुजाहिदा का एड्रेस मिला. आगरा में 2 सगी बहनों के धर्मांतरण केस में पुलिस ने गैंग के मास्टरमाइंड अब्दुल रहमान समेत 11 लोगों को अरेस्ट किया. आगरा पुलिस और ATS ने इनसे बंद कमरों में अलग अलग पूछताछ की. पुलिस के सामने धर्मांतरण गैंग ने जो सच कबूला वो और डरावना है. गैंग धर्मांतरण के नाम पर हिंदू लड़कियों को मुजाहिदा बना रहा था. हिंदू लड़कियों का कन्वर्जन सलाफी मुस्लिम की तरह किया जा रहा था.
क्या इसी तर्ज पर हिदू लड़कियों का धर्मातरण करके उन्हें आतंकी संगठनों की तरफ धकेला जा रहा था. क्या इसी तरह हिंदू लड़कियों को हथियारों की ट्रेनिंग देकर ब्रेनवॉश किया जा रहा है. जब से यूपी पुलिस ने ये तस्वीर जारी की है तब से धर्मातरण का छिपा हुआ एक एक सिस्टम बाहर निकलकर सामने आ रहा है. हमारे ही देश में कई लोग ऐसे हैं जो कम से कम छह राज्यों में लड़कियों को बहला फुसला कर धर्म परिवर्तन करवा रहे थे. धर्मांतरण के जाल फंसी आगरा की दो बहनों की कहानी बेनकाब हुई तो कट्टर सोच का तिलिस्म टूटा.
छांगुर हो या आगरा का कन्वर्जन रैकेट. ऐसे सिंडिकेट का हिंदू लड़कियों को टारगेट करना प्राइम टारगेट होता था लेकिन सबसे चौंकानेवाली बात ये है कि धर्मांतरण के इस धंधे में आतंक का एंगल जुडा हुआ है. सवाल है कि धर्मांतरण को लेकर आतंक का कनेक्शन कैसे सामने आया.
आरोपियों ने कबूला कि आगरा से कोलकाता लाई गई दोनों बहनों में से एक ने सिर्फ इस्लाम ही नहीं कबूला था उसका इस तरह से ब्रेनबॉश किया गया था कि वो मुजाहिदा यानी कुर्बान होने को तैयार हो गई थी. पुलिस को इस फैक्ट से जुड़े कुछ चैट्स भी मिले. आयशा ने पुलिस कस्टडी में बताया कि इन बहनों को धर्मांतरण सलाफी मुस्लिम की तरह किया गया जो कि बहुत कट्टर होते हैं. वहीं मोहम्मद इब्राहिम ने पुलिस को बताया कि पहले लड़कियां सिर्फ इस्लाम में आने के लिए तैयार हुई थीं मगर फिर जैसे जैसे हम उन्हें मुगल काल में मुस्लिम का भारत पर शासन था. सकी कहानियां वीडियो में दिखाते गए, छोटी बहन जोया तैयार हो गई कि वो इस्लाम के लिए कुर्बान हो जाएगी.
दोनों बहनों के फोन से जो चैट मिले उसका कनेक्शन धर्मांतरण का सिंडिकेट चलाने वाले सरगना अब्दुल रहमान के साथ जुड़ा है. लड़कियां अब्दुल रहमान से टच में थीं. चैट से पता चला कि लड़कियों को इस्लाम के लिए मरने मारने के लिए तैयार किया जा रहा था. हैरानी की बात ये कि दोनों लड़कियां अब्दुल को लिखकर भेज रही थीं कि वो कुर्बान होने के लिए तैयार हैं. वो इस्लाम के लिए जान दे देंगी. अब सवाल है कि आखिर एक आम और साधारण लड़की को कट्टरपंथ की भट्टी में झोंककर मुजाहिदा कैसे बनाया जाता है? तभी जन्नत नसीब होगी. पुलिस ने फिलहाल ये चैट सार्वजनिक नहीं की है.
धर्मांतरण रैकेट से जुड़े एक आरोपी का पाकिस्तान के आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से कनेक्शन है. पुलिस को उसके पास से कुछ मोबाइल नंबर भी मिले. इनके जरिए पाकिस्तान में लश्कर के लोगों से बातचीत होती थी. अब सवाल कि क्या हिंदू लड़कियों को मुजाहिदा बनाने के टिप्स सीमापार से दिए जा रहे थे. आखिर मुजाहिदा होती हैं कैसे बनाई जाती हैं ये भी जानिए.
- मुजाहिदा शब्द का अर्थ है संघर्ष या प्रयास करने वाली महिला.
- मुजाहिदा अरबी भाषा का शब्द है जिसका एक और अर्थ जेहाद होता है.
- कट्टरपंथी संगठन मुजाहिदा तैयार करते हैं और आतंकवादी हमलों के लिए तैयार की गई महिलाओं को मुजाहिदा का नाम दिया जाता है.
कैसे तैयार होती है. मुजाहिदा?
- कट्टरपंथ की ट्रेनिंग महिलाओं को विशेष रूप से ऑनलाइन या व्यक्तिगत संपर्क के जरिए कट्टरपंथी विचारधाराओं से प्रभावित किया जाता है.
- जेहाद से जन्नत मिलने के दावे किए जाते हैं. जिससे ट्रैप में फंसी लड़कियां हिंसा और आत्मघाती हमलों को धार्मिक कर्तव्य मानने लगती हैं.
- इन महिलाओं को अक्सर भावनात्मक रूप से कमजोर किया जाता है और उन्हें एक खास "उद्देश्य" के लिए बलिदान करने के लिए प्रेरित किया जाता है.
- उन्हें झूठे वादे और एक विकृत धार्मिक व्याख्या के साथ गुमराह किया जाता है.
पुलिस इनवेस्टिगेशन में आयशा ने और भी राज उगले. आयशा ने पुलिस कस्टडी में बताया कि इन बहनों का धर्मांतरण सलाफी मुस्लिम की तरह किया गया जो कि बहुत कट्टर होते हैं. खुलासा ये भी हुआ कि आगरा धर्मांतरण के पूरे रैकेट का मास्टरमाइंड अब्दुल रहमान पहले हिंदू था और उसका नाम महेंद्र पाल था.
साल 1990 में वो पहले ईसाई धर्म में कन्वर्ट हुआ फिर इस्लाम धर्म अपनाया और अपना नाम अब्दुल रहमान रख लिया. अब्दुल उर्फ चाचा का धर्मांतरण रैकेट कितना बड़ा है इसकी जड़ें किन किन लोगों से जुड़ी हैं इसका सच खंगाला जा रहा है.
कट्टर सोच, कट्टर विचारों को जन्म देती हैं फिर कट्टरपंथ की भट्टी में मुजाहिद और मुजाहिदा मैन्युफेक्चर होते हैं. सलाफी और जेहाद की तेजाबी घुट्टी पिलाकर खुशहाल जिंदगियों की किस्मत में दर्द की इबारत लिखी जाती है. धर्मांतरण के नए आका अब्दुल रहमान उर्फ चाचा को दिल्ली पुलिस ने कोर्ट में पेश किया गया. चाचा के कन्वर्जन सेंटर से धर्मांतरण कराने की किताबें भी मिली.
वैसे एक लीड तो पुलिस को बलरामपुर वाले मौलाना छांगुर उर्फ जलालुद्दीन के केस में भी मिली. धर्मांतरण का धंधेबाज मौलाना छांगुर और उसका गैंग बच्चों की गर्दन पर चाकू रखकर जबरन धर्मांतरण कराता था. चौंकाने वाली थ्योरी ये है कि मौलाना छांगुर सिर्फ हिंदू लड़कियों को ही धर्मांतरण के ट्रैप में नहीं फंसाता था बल्कि हिंदू लड़के भी मौलाना छांगुर की साजिश का शिकार हुए.
इस्लाम कबूल कर नमाज पढ़ नहीं तो तेरी आंखों के सामने तेरी बच्ची का सिर धड़ से अलग कर दिया जाएगा. सोचिए अगर एक पिता के सामने ऐसी चुनौती हो एक तरफ बच्ची जान दूसरी तरफ जबरन धर्म कबूलने का दवाब तो कोई पिता क्या करेगा यकीनन बेटी की जिंदगी बचाने के लिए हालातों के आगे घुटने टेकेगा.