आगरा स्थित डॉ.सरोजनी नायडू चिकित्सा महाविद्यालय में डॉक्टरों ने मुंह व गले के कैंसर से ग्रस्त मरीज की पैर की हड्डी का इस्तेमाल कर उसके जबड़े का पुन: निर्माण करने में सफलता हासिल की है. डॉक्टरों ने शनिवार को यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि नाक-कान-गला (ईएनटी) विभाग के सह आचार्य डॉ. अखिल प्रताप सिंह द्वारा कैंसर ग्रसित जबड़े को हटाया गया और उसके बाद प्लास्टिक सर्जरी विभाग के सहायक आचार्य डॉ. प्रणय सिंह चकोटिया द्वारा मरीज के जबड़े का पुनर्निर्माण किया गया.
उन्होंने बताया कि जबड़े के पुनर्निर्माण के लिए दाएं पैर की हड्डी का उपयोग किया गया. पैर की हड्डी को सबसे पहले जबड़े के आकार में लाया गया और उसके बाद उस हड्डी में खून का प्रवाह स्थापित करने के लिए उसे गर्दन की नसों से ‘माइक्रोवस्कुलर' विधि से दोबारा जोड़ा गया. डॉक्टरों ने बताया कि इस तरह की सर्जरी को ‘फ्री टिशू ट्रांसफर' अथवा ‘फ्री फिबुला फ्लैप रिकंस्ट्रक्शन' कहा जाता है. उन्होंने बताया कि इस सर्जरी से मरीज के चेहरे पर किसी भी तरह की विकृति नहीं होती.
एसएन चिकित्सा महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. प्रशांत गुप्ता ने बताया कि अस्पताल में जटिल सर्जरी की गई है और अब मरीजों को इस तरह की सर्जरी के लिए बाहर नहीं जाना पड़ रहा है.
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