चीन को संदेश, 5000 KM तक मारक क्षमता वाली Agni-V बैलेस्टिक मिसाइल का भारत ने किया परीक्षण

अग्नि-5 मिसाइल उच्च स्तरीय सटीकता के साथ 5,000 किलोमीटर दूरी तक के लक्ष्यों को निशाना बनाने में सक्षम है, जिसका परीक्षण बुधवार को किया गया.

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नई दिल्‍ली:

भारत ने जमीन से जमीन पर मार करने की क्षमता रखने वाली बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-5 का बुधवार को सफल परीक्षण किया. ओडिशा के तट पर स्थित एपीजे अब्‍दुल कलाम आईलैंड से यह परीक्षण किया गया. अग्नि-5 मिसाइल उच्च स्तरीय सटीकता के साथ 5,000 किलोमीटर दूरी तक के लक्ष्यों को निशाना बनाने में सक्षम है, जिसका परीक्षण बुधवार को किया गया. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. अध‍िकारी ने बताया कि अग्नि-पांच का सफल परीक्षण विश्वस्त न्यूनतम प्रतिरोधक क्षमता हासिल करने की भारत की नीति के अनुरूप है. बुधवार शाम 7:50 बजे इस मिसाइल को लांच किया गया. 

अधिकारियों ने बताया कि ओडिशा में एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से देर शाम करीब 7:50 बजे परीक्षण किया गया. रक्षा मंत्रालय ने एक संक्षिप्त बयान में कहा, ‘‘अग्नि-5 का सफल परीक्षण भारत की उस प्रामाणिक न्यूनतम प्रतिरोध वाली नीति के अनुरूप है जो ‘पहले उपयोग नहीं' की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है.''

अग्नि-5 अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल परियोजना पर काम एक दशक से अधिक समय पहले शुरू हुआ था. परियोजना की जानकारी रखने वाले लोगों ने कहा कि यह मिसाइल का पहला यूजर ट्रायल है जिसकी जद में चीन का सुदूर उत्तरी हिस्सा आ सकता है. 

रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा निर्मित मिसाइल का सफल परीक्षण ऐसे समय में किया गया है जब भारत की पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ सीमा पर गतिरोध की स्थिति बनी हुई है. मिसाइल का पहला परीक्षण अप्रैल 2012 में किया गया था, वहीं पिछला परीक्षण करीब तीन साल पहले किया गया था.

मंत्रालय ने कहा, ‘‘मिसाइल, जिसमें तीन स्तरीय ठोस ईंधन वाले इंजन का इस्तेमाल किया जाता है, में 5,000 किलोमीटर तक के लक्ष्यों पर निशाना साधने की क्षमता है.'' उक्त लोगों ने कहा कि मिसाइल के सफल परीक्षण से स्ट्रेटेजिक फोर्स कमांड में इसके शामिल होने का रास्ता साफ हो गया है जो भारत की सामरिक परिसंपत्तियों की देखभाल करती है.

अग्नि-1 से 4 मिसाइलों में 700 से लेकर 3,500 किलोमीटर तक प्रहार की क्षमता है और उन्हें पहले ही तैनात कर दिया गया है. अग्नि-5 परियोजना का उद्देश्य चीन के खिलाफ भारत की परमाणु प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाना है जिसके पास डोंगफेंग-41 जैसी मिसाइलें हैं जिनकी क्षमता 12,000 से 15,000 किलोमीटर तक प्रहार करने की है. (इनपुट भाषा से...)

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