- भारत ने रेल आधारित मोबाइल लॉन्चर से अग्नि-प्राइम मिसाइल का सफल परीक्षण कर बड़ी सफलता हासिल की
- अग्नि-प्राइम मिसाइल की मारक क्षमता दो हजार किलोमीटर तक है जो भारत की सामरिक सुरक्षा को मजबूत बनाएगी
- रेल लॉन्चर तकनीक से मिसाइल कहीं भी, कभी भी और कठिन भौगोलिक क्षेत्रों में भी लॉन्च की जा सकती है
भारत ने रक्षा क्षेत्र में एक और बड़ी उपलब्धि दर्ज करते हुए रेल आधारित मोबाइल लॉन्चर से अग्नि-प्राइम मिसाइल का सफल परीक्षण किया है. यह परीक्षण न केवल तकनीकी दृष्टि से ऐतिहासिक है, बल्कि सामरिक शक्ति के मामले में भी भारत को नई ऊंचाई पर ले जाता है. अब तक मिसाइलें केवल फिक्स्ड साइट्स से दागी जाती थीं, लेकिन रेल लॉन्चर तकनीक ने भारत को कहीं भी, कभी भी वार करने की क्षमता प्रदान कर दी है.
2000 किलोमीटर तक मारक क्षमता वाली यह अग्नि-प्राइम मिसाइल भारत की सुरक्षा प्रणाली को और मज़बूत करेगी. जंगल, पहाड़, मैदान या रेल नेटवर्क पर चलते हुए भी यह सिस्टम दुश्मन को चौंकाने में सक्षम है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस सफलता पर डीआरडीओ और सशस्त्र बलों को बधाई दी और इसे आत्मनिर्भर भारत का बड़ा कदम बताया. इस ऐतिहासिक ट्रायल ने भारत को अमेरिका और रूस जैसे रक्षा महाशक्तियों की कतार में खड़ा कर दिया है.
क्या है रेल लॉन्चर की अनोखी ताकत
इस परीक्षण की सबसे बड़ी उपलब्धि ‘रेल लॉन्चर' तकनीक है. पहले मिसाइलें केवल फिक्स्ड साइट्स से दागी जाती थीं, लेकिन यह नया सिस्टम दुश्मन को चकमा देने की क्षमता रखता है. इसकी खासियतें हैं:
- कहीं भी, कभी भी लॉन्च: रेल नेटवर्क पर बिना किसी तैयारी के चल सकता है.
- क्रॉस कंट्री मोबिलिटी: जंगल, पहाड़ और मैदान जैसी कठिन जगहों पर भी आसानी से पहुंच सकता है.
- तेज़ रिएक्शन टाइम: ट्रेन रुकते ही मिसाइल दागने की क्षमता.
- कम विजिबिलिटी में लॉन्च: धुंध, रात और खराब मौसम में भी सुरक्षित और सटीक प्रहार.
- इससे भारत की रणनीतिक ताकत कई गुना बढ़ गई है और यह दुश्मन के लिए ट्रैक करना बेहद मुश्किल बना देता है.
क्यों अग्नि-प्राइम को माना जा रहा है नई पीढ़ी की मिसाइल
अग्नि-प्राइम मिसाइल, अग्नि सीरीज की छठी मिसाइल है. यह इंटरमीडिएट रेंज मिसाइल 2000 किलोमीटर तक मार करने की क्षमता रखती है. इसमें अत्याधुनिक नेविगेशन, गाइडेंस और प्रोपल्शन सिस्टम लगाए गए हैं. मिसाइल को सेना की ज़रूरतों के हिसाब से डिजाइन किया गया है और इसे जल्द ही रणनीतिक बलों में शामिल करने की तैयारी है.
पीएम मोदी ने दी बधाई
डीआरडीओ, स्ट्रैटेजिक फोर्सेस कमांड (SFC) और भारतीय सेनाओं ने मिलकर यह परीक्षण किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर बधाई देते हुए कहा कि यह सफलता आत्मनिर्भर भारत अभियान की बड़ी उपलब्धि है. पीएम ने इसे भारत को वैश्विक स्तर पर नई पहचान देने वाला कदम बताया.
क्यों अहम है यह परीक्षण?
- रणनीतिक ताकत: भारत कहीं भी और कभी भी दुश्मन को जवाब देने की स्थिति में आ गया है.
- सीमा सुरक्षा: तेज़ प्रतिक्रिया से घुसपैठ और खतरों को रोका जा सकेगा.
- वैश्विक प्रतिष्ठा: अमेरिका और रूस जैसे बड़े देशों के साथ भारत की बराबरी.