ट्रैक्टर रैली में हिंसा के बाद किसानों ने बजट के द‍िन संसद मार्च की योजना रद्द की

Farmers protest Violence: ट्रैक्‍टर रैली (Tractor Rally) के दौरान हुई हिंसा के बाद किसानों ने बजट के दिन यानी 1 फरवरी को संसद मार्च की योजना रद्द कर दी है.

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ट्रैक्‍टर रैली के दौरान किसानों की कई स्‍थानों पर पुलिस के साथ झड़प हुई थी
नई दिल्ली:

Farmer's Rally Violence:गणतंत्र दिवस के अवसर पर किसानों संगठनों की ओर से निकाली गई ट्रैक्‍टर रैली (Tractor Rally) के दौरान हुई हिंसा के बाद  सरकार की सख्‍ती के मद्देनजर किसान संगठनों (Farmer's union) ने अपने तेवर कुछ नरम किए हैं. इस हिंसा के बाद किसानों ने बजट के दिन यानी 1 फरवरी को संसद मार्च की योजना रद्द कर दी है.कृषि कानूनों का विरोध करते हुए पिछले करीब दो माह से दिल्‍ली में मोर्चा संभाले किसानों ने बुधवार को कहा कि उन्‍होंने अगले सोमवार का संसद तक मार्च करने की अपनी योजना को टाल दिया है. संसद में 1 फरवरी यानी सोमवार को बजट पेश किया जाना है. मंगलवार की रैली में हुई हिंसा के बाद किसानों ने यह निर्णय लिया है. 

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गौरतलब है कि ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के एक दिन बाद, केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन से दो किसान संगठन बुधवार को अलग हो गए. भारतीय किसान यूनियन (भानु) के अध्यक्ष ठाकुर भानु प्रताप सिंह ने संवाददाताओं को बताया कि दिल्‍ली में गणतंत्र दिवस के दिन ट्रैक्टर परेड के दौरान जो कुछ भी हुआ उससे वह काफी दुखी हैं और उनकी यूनियन ने अपना प्रदर्शन खत्म कर दिया है. भाकियू (भानु) से जुड़े किसान नोएडा-दिल्ली मार्ग की चिल्ला सीमा पर प्रदर्शन कर रहे थे. इसी तरह ‘ऑल इंडिया किसान संघर्ष को-आर्डिनेशन कमेटी' के वीएम सिंह ने कहा कि उनका संगठन मौजूदा आंदोलन से अलग हो रहा है क्योंकि वे ऐसे विरोध प्रदर्शन में आगे नहीं बढ़ सकते जिसमें कुछ की दिशा अलग है.

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गणतंत्र दिवस के अवसर पर कल निकाली गयी ट्रैक्टर परेड के दौरान हिंसा के कारण अराजक दृश्य पैदा हो गए थे. बड़ी संख्या में उग्र प्रदर्शनकारी बैरियर तोड़ते हुए लाल किला पहुंच गए और उसकी प्राचीर पर उस स्तंभ के नजदीक धार्मिक झंडा लगा दिया था जहां भारत का तिरंगा फहराया जाता है. ट्रैक्टर परेड के दौरान दिल्ली का आईटीओ एक संघर्ष क्षेत्र की तरह दिख रहा था जहां गुस्साये प्रदर्शनकारी वाहनों को क्षतिग्रस्त करते हुए नजर आए थे.

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