उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के बाद अब दिल्ली में भी कोरोना महामारी को देखते हुए इस साल कांवड़ यात्रा पर पर रोक लगा दी गई है. दिल्ली डिज़ास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (DDMA) ने इससे सम्बंधित औपचारिक आदेश जारी कर दिया है. आदेश में कहा गया है कि 25 जुलाई से शुरू होने वाली कांवड़ यात्रा से सम्बंधित कोई भी जश्न, जुलूस या गैदरिंग दिल्ली में आयोजित करने की अनुमति नहीं है. उत्तराखंड में कांवड़ यात्रा पर बैन लगा दिया गया है लेकिन इसके बावजूद भीड़ लगाने या जुलूस निकालने से कोरोना के फैलने का खतरा है जिसके मद्देनजर ये फैसला लिया गया है.
बता दें कि एक दिन पहले उत्तर प्रदेश में भी इस साल भी कांवड़ यात्रा को रद्द करने का फैसला किया गया था. शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने योगी आदित्यनाथ सरकार को सोमवार तक का समय देते हुए कहा था कि कोरोना कहर के दौरान इसके आयोजन के फैसले पर दोबारा विचार किया जाए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि दोबारा से विचार करने के लिए राज्य को एक और मौका दिया जा रहा है वरना फिर हम आदेश देंगे. शनिवार को राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि यूपी सरकार के निवेदन के बाद कांवड़ संघ ने यूपी में कांवड़ यात्रा रद्द करने का फैसला किया.' उत्तर प्रदेश सरकार ने शुक्रवार को कहा था कि वह कोविड की स्थिति को ध्यान में रखते हुए ''कांवड़ संघों'' से बात कर रही है और कांवड़ यात्रा को लेकर सरकार का प्रयास है कि धार्मिक भावनाएं भी आहत न हों और महामारी से बचाव भी हो जाए.
इससे पहले 14 जुलाई को उत्तराखंड सरकार ने भी कोरोना वायरस के मद्देनजर कांवड़ यात्रा को रद्द करने का फैसला किया था. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कांवड़ यात्रा के संबंध में सचिवालय में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक करने के बाद यह फैसला किया था. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने फैसले को लेकर कहा था कि ''हम हरिद्वार को कोरोना महामारी का केंद्र नहीं बनाना चाहते. लोगों का जीवन हमारे लिए प्राथमिकता है. हम उससे बिल्कुल भी खिलवाड़ नहीं कर सकते. उस पर हम कोई कोताही नहीं बरत सकते. इसलिए हमने यात्रा स्थगित कर दी है.''